बीजिंग: कल्पना कीजिए, आपकी उंगली के नाखून से भी छोटा एक "मच्छर" आपके कमरे में है — न आवाज़, न हलचल. लेकिन वह सब कुछ देख और सुन रहा है. यह कोई साइंस फिक्शन नहीं, बल्कि चीन की एक नई हकीकत है.
चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) ने ऐसा माइक्रो ड्रोन विकसित किया है जो दिखने में एक मच्छर की तरह है, लेकिन इसके भीतर छिपा है हाई-टेक जासूसी सिस्टम. हाल ही में इसे चीन के मिलिट्री चैनल CCTV-7 पर दिखाया गया और दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों के रडार पर आ गया.
क्या है इस 'बायोनिक मच्छर' की ताकत?
इस बायोनिक रोबोट की लंबाई महज 0.6 सेमी है. इसमें माइक्रो-साइज कैमरा, सेंसर, पावर यूनिट और पूरा कंट्रोल सिस्टम मौजूद है. दिखने में यह किसी बच्चे के खिलौने जैसा लगे, लेकिन इसका मकसद है – जासूसी, निगरानी और विशेष सैन्य मिशन.
NUDT के छात्र लियांग हेशियांग ने कैमरे के सामने इस ‘मिनी ड्रोन’ को दिखाते हुए कहा, “यह माइक्रो रोबोट गुप्त सूचनाएं इकट्ठा करने में बेहद कारगर है.” इसे मोबाइल या रिमोट डिवाइस से नियंत्रित किया जा सकता है और यह "बायो-इंस्पायर्ड रोबोटिक्स" प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
क्यों डर पैदा कर रहा है यह ड्रोन?
इस ड्रोन की असली ताकत है — दृश्य से गायब होना. यह इतना छोटा और हल्का है कि दीवारों, पौधों या छोटे कोनों में ऐसे छिप जाता है कि आधुनिक सुरक्षा कैमरे और स्कैनर भी इसे पकड़ नहीं पाते.
The Chinese military unveils a tiny drone the size of a mosquito.
— Alexeï (@jeanlol67573289) June 21, 2025
The creators believe such a drone is nearly impossible to detect, making it ideal for reconnaissance. A compact handheld device is all that's needed for control.
China is ahead of the rest of the world... pic.twitter.com/thfCzIcchy
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ टिमोथी हीथ चेतावनी देते हैं, "ऐसे माइक्रो ड्रोन्स से पासवर्ड चुराना, नेटवर्क में घुसपैठ करना और संवेदनशील डेटा एक्सेस करना संभव है."
गूगल की पूर्व फ्यूचरिस्ट ट्रेसी फलोज़ ने कहा कि ऐसे ड्रोन्स भविष्य में वायरस, बैक्टीरिया या जैविक हथियार लेकर भी उड़ सकते हैं.
सोशल मीडिया पर मच गया है बवाल
ट्विटर और रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोग इसकी तुलना नेटफ्लिक्स की मशहूर सीरीज़ Black Mirror से कर रहे हैं, जिसमें रोबोटिक मधुमक्खियां लोगों को निशाना बनाती हैं.
यूज़र्स लिख रहे हैं: “यह दिखने में एक बेकार खिलौना लगता है, लेकिन यह इतिहास का सबसे खतरनाक निगरानी हथियार बन सकता है.”
क्या बाकी देश भी कर रहे हैं ऐसी तैयारी?
हां, चीन अकेला नहीं है.
फायदे भी हैं... पर जोखिम ज़्यादा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे ड्रोन का उपयोग सिर्फ जंग के मैदान में नहीं बल्कि:
जैसे कार्यों में भी हो सकता है. लेकिन जब कोई तकनीक इतनी गुप्त और अपारदर्शी हो, तो उसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा पर सवाल उठना लाज़िमी है.
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