चीन के ग्रे जोन वारफेयर को लेकर चिंता, जापान के रक्षा मंत्रालय ने दुनिया को दी बड़ी चेतावनी; भारत से मांगी मदद

    जापान के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में अपने वार्षिक डिफेंस पॉलिसी पेपर में इस बात को स्पष्ट किया है कि दुनिया एक नए संकट के दौर में प्रवेश कर चुकी है.

    China gray zone warfare Japan Defense Ministry warning
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के बीच जापान ने वैश्विक सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी दी है. जापान के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में अपने वार्षिक डिफेंस पॉलिसी पेपर में इस बात को स्पष्ट किया है कि दुनिया एक नए संकट के दौर में प्रवेश कर चुकी है. खासतौर पर, जापान ने चीन के बढ़ते प्रभाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर गंभीर चिंता जताई है. जापान का कहना है कि ट्रंप की नीतियों का हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर गहरा असर पड़ेगा, और यह स्थिति आगे और भी जटिल हो सकती है.

    विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती

    रिपोर्ट के अनुसार, चीन जापान के लिए अब तक की सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती बन चुका है, और ट्रंप की नीतियों से इस क्षेत्र में शक्ति संतुलन तेजी से बदलने की संभावना है. जापान ने चीन के ‘ग्रे जोन वारफेयर’ (सामरिक अस्पष्टता के क्षेत्र में संघर्ष) पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिसमें चीन द्वारा आर्थिक, राजनैतिक और सैन्य दबाव के जरिए क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा करने की रणनीति को लेकर चेतावनी दी गई है.

    इस रिपोर्ट में जापान के रक्षा मंत्री ने पहले जापान और अमेरिका के बीच गठबंधन की महत्ता पर जोर दिया था, लेकिन अब यह अनुरोध भी किया गया है कि भारत और जापान के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा सहयोग को बढ़ावा दिया जाए. जापान ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, और रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया अब विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है, और यह संकट आने वाले समय में और भी गंभीर हो सकता है.

    भारत से रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर

    अमेरिका की ओर से भारत और जापान के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए जापान ने यह भी कहा है कि अमेरिका के एशिया में बढ़ते दबाव के कारण जापान को अपने रक्षा खर्च में भी इजाफा करना होगा. हालांकि, जापान ने खुद को अपनी जीडीपी का 2% रक्षा खर्च में लगाने का लक्ष्य रखा है, जो कि चीन के बढ़ते सैन्य खतरे के जवाब में एक अहम कदम हो सकता है.

    इसके अलावा, जापान की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की सेना जापान के आस-पास के क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को लगातार बढ़ा रही है, विशेषकर पूर्वी चीन सागर में स्थित सेनकाकू द्वीपों के आसपास, जापान सागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर में. चीन की सेना द्वारा जापान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ भी बढ़ चुकी है, और जापान इसे अपनी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे के रूप में देख रहा है.

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