फिलीपींस को दादागिरी दिखाने निकला चीन, अपने ही पैर पर मार ली कुल्हाड़ी, आपस में टकराए दो युद्धपोत

    दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच चल रहा विवाद अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है. सोमवार को फिलीपीनी नौकाओं को खदेड़ने के प्रयास में चीनी तटरक्षक बल के दो जहाज आपस में टकरा गए, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है.

    China Coast Guard and Navy ships collide during Scarborough Shoal clash with the Philippines
    Image Source: Social Media

    बीजिंग: दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच चल रहा विवाद अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है. सोमवार को फिलीपीनी नौकाओं को खदेड़ने के प्रयास में चीनी तटरक्षक बल के दो जहाज आपस में टकरा गए, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, लेकिन चीन ने इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. वहीं, फिलीपींस ने इस घटना का खुलासा करते हुए कहा कि उनके जहाजों की रक्षा के लिए मजबूर होकर इस कदम को उठाना पड़ा.

    चीनी तटरक्षक बल का बयान और कार्रवाई

    चीनी तटरक्षक बल के प्रवक्ता गान यू ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा कि उनके जहाजों ने दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाके से फिलीपीनी जहाजों को खदेड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं. उन्होंने बताया कि फिलीपीनी जहाजों ने बार-बार चीनी चेतावनियों को नजरअंदाज कर इस इलाके में घुसपैठ की. इसी के चलते चीनी तटरक्षक बल ने ट्रैकिंग, निगरानी और अवरोधन जैसी कार्रवाई की. हालांकि, उन्होंने जहाजों के बीच हुई टक्कर की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की.

    फिलीपींस ने वीडियो के जरिए दिया जवाब

    सोमवार सुबह फिलीपींस तटरक्षक बल ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें एक चीनी तटरक्षक जहाज फिलीपीनी जहाजों पर पानी की बौछार करता दिख रहा है. वीडियो में 3104 पतवार संख्या वाला चीनी जहाज 164 संख्या वाले फिलीपीनी जहाज से टकराता हुआ भी नजर आया, जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ. फिलीपीनी तटरक्षक बल ने बताया कि एक छोटा चीनी तटरक्षक जहाज और एक बड़ा पीएलए नौसेना जहाज उथले पानी में करीब 10 समुद्री मील पूर्व में टकराए. इस टक्कर में चीनी जहाज के आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.

    विवादित क्षेत्र स्कारबोरो शोल का इतिहास

    स्कारबोरो शोल दक्षिण चीन सागर में एक विवादित समुद्री क्षेत्र है, जिसे चीन अपना हिस्सा मानता है, जबकि फिलीपींस भी इसे अपना क्षेत्र घोषित करता है. चीन इसे झोंगशा द्वीप समूह का हिस्सा बताता है, वहीं फिलीपींस इसे बाजो डे मासिनलोक कहता है. यह क्षेत्र समुद्री संसाधनों से भरपूर है और स्थानीय मछुआरों के लिए पारंपरिक मछली पकड़ने का मैदान रहा है. चीन ने 2012 में इस इलाके पर नियंत्रण कर लिया था, जिसके बाद से यह क्षेत्र विवादित बना हुआ है.

    क्यों बनी इस क्षेत्र की इतनी अहमियत?

    स्कारबोरो शोल के आसपास के जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के साथ-साथ समुद्री संसाधनों की प्रचुरता है. इसलिए चीन, फिलीपींस और वियतनाम के बीच इस क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद बना हुआ है. 2022 से इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है, खासकर तब से जब फिलीपींस ने मछुआरों को इस इलाके में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया. फिलीपींस की "कदीवा ऑपरेशन" इसी अभियान का हिस्सा है, जो मछली पकड़ने के अधिकारों को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

    फिलीपींस के राष्ट्रपति का कड़ा रुख

    हालिया घटनाक्रम के बाद फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने साफ किया है कि उनकी सरकार राष्ट्रीय क्षेत्र की सुरक्षा के लिए स्कारबोरो शोल में अपनी उपस्थिति कायम रखेगी. उन्होंने कहा कि फिलीपींस किसी भी टकराव की इच्छा नहीं रखता, लेकिन अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजबूर है. राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि मनीला अगले साल आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता को अंतिम रूप देने के लिए प्रयास करेगा, ताकि क्षेत्रीय शांति बनी रहे. 

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