चीन ने भारत से वापस बुलाए iPhone बनाने वाले इंजीनियर्स, मैन्युफैक्चरिंग पर क्यों है ड्रैगन की नजर?

    भारत में Apple के iPhone निर्माण में जुटी ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन के लिए काम कर रहे 300 से अधिक चीनी इंजीनियरों और तकनीशियनों को अचानक चीन वापस बुला लिया गया है.

    China calls back engineers who made iPhones in India
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    चेन्नई: भारत में Apple के iPhone निर्माण में जुटी ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन के लिए काम कर रहे 300 से अधिक चीनी इंजीनियरों और तकनीशियनों को अचानक चीन वापस बुला लिया गया है. इस घटनाक्रम पर भारत सरकार की ओर से पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई है.

    सरकारी अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि Apple के पास परियोजना को जारी रखने के लिए पर्याप्त संसाधन और तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद हैं. सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और इसे Apple और Foxconn के बीच का आंतरिक मामला मान रही है.

    iPhone 17 के निर्माण से पहले चीन की वापसी

    Apple भारत में iPhone 17 के ट्रायल प्रोडक्शन की तैयारियों में जुटा हुआ है, जो जुलाई में शुरू हो सकता है. अगस्त में इसके मास प्रोडक्शन की योजना है. ऐसे समय में चीन की यह ‘पलटवार’ भारत के तकनीकी उत्पादन में संभावित हस्तक्षेप की तरह देखा जा रहा है.

    सूत्रों के अनुसार, चीन के निर्देश पर इन विशेषज्ञों को लौटाया गया है, जिससे भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को झटका देने की मंशा झलकती है.

    चीनी इंजीनियरों की भूमिका थी बेहद अहम

    भारत में फॉक्सकॉन की फैक्ट्रियों में ये चीनी इंजीनियर अत्याधुनिक असेंबली लाइन संचालन, डिज़ाइन प्रबंधन और भारतीय तकनीशियनों को प्रशिक्षण देने जैसे कार्यों में लगे थे. सरकार ने इनकी तैनाती के लिए विशेष वीजा प्रक्रिया भी लागू की थी, जिससे उत्पादन में कोई बाधा न आए.

    हालांकि उनकी कुल संख्या उत्पादन स्टाफ का 1% से भी कम थी, लेकिन उनकी विशेषज्ञता गुणवत्ता नियंत्रण और प्रौद्योगिकी ट्रांसफर में थी, जिससे उनके जाने से काम की रफ्तार पर असर संभव है.

    चीन की ‘आर्थिक जवाबी कार्रवाई’?

    बीते महीनों में चीन ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए जरूरी दुर्लभ मैग्नेट की आपूर्ति पर भी रोक लगाई थी. अब इंजीनियरों की वापसी से विशेषज्ञ मान रहे हैं कि चीन भारत की मैन्युफैक्चरिंग शक्ति को धीमा करने की कोशिश कर रहा है.

    उद्योग सूत्रों का मानना है कि भारत की ओर से चीनी कॉरपोरेट कर्मियों के वीज़ा में हुई देरी के कारण चीन ‘टिट फॉर टैट’ की नीति अपना रहा है.

    भारत में iPhone निर्माण: एक उभरती ताकत

    चार साल पहले Apple ने भारत में iPhone असेंबली की शुरुआत की थी. अब भारत दुनिया के iPhone निर्माण का लगभग 20% हिस्सा बन चुका है. 2026 तक Apple की योजना है कि अमेरिका को भेजे जाने वाले अधिकांश iPhones भारत में ही तैयार किए जाएं.

    क्यों भारत बन रहा है Apple का पसंदीदा हब?

    • सप्लाई चेन विविधीकरण: चीन पर निर्भरता घटाकर Apple जोखिम कम करना चाहता है.
    • कम लागत: भारतीय श्रम चीन की तुलना में सस्ता है और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार हो रहा है.
    • सरकारी प्रोत्साहन: PLI और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे कार्यक्रम Apple के लिए आकर्षक हैं.
    • स्थानीय बाजार में बढ़ती मांग: भारत तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन बाजार है, जिससे Apple को अपने प्रोडक्ट्स के लिए स्थानीय ग्राहक भी मिलते हैं.
    • एक्सपोर्ट में फायदा: भारत में बने लगभग 70% iPhones विदेशों में भेजे जा रहे हैं. 2024 में भारत से iPhone एक्सपोर्ट $12.8 बिलियन (₹1.09 लाख करोड़) तक पहुंच गया.

    आगे की रणनीति: भारत तैयार है

    हालांकि चीन के इस कदम से शुरुआती रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन भारत में Foxconn और TATA जैसी कंपनियां भारी निवेश कर रही हैं. कर्नाटक में $2.7 बिलियन (₹23,139 करोड़) की लागत से नया प्रोडक्शन प्लांट भी तैयार हो रहा है.

    Apple भारत में स्थानीय कर्मचारियों को तेजी से प्रशिक्षित कर रहा है, ताकि किसी भी विदेशी निर्भरता को खत्म किया जा सके.

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