CG Open Jail: जब हम "जेल" शब्द सुनते हैं, तो मन में डरावनी दीवारें, लोहे की सलाखें और बंद दरवाज़ों की आवाज़ गूंजने लगती है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इस धारणा को बदलने की दिशा में एक अनूठी पहल कर रही है. बेमेतरा जिले के ग्राम पथर्रा-चोरभट्टी में लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से एक ऐसी ‘खुली जेल’ का निर्माण हो रहा है, जो बंदियों को दंड के साथ-साथ दिशा और भविष्य देने का कार्य करेगी.
30 एकड़ क्षेत्र में बनेगी खुली जेल
यह राज्य की पहली खुली जेल होगी, जहां सजायाफ्ता लेकिन अच्छे व्यवहार वाले कैदियों को भेजा जाएगा. लगभग 30 एकड़ क्षेत्र में बन रही इस जेल में न तो ऊंची दीवारें होंगी और न ही ताले-चाबियों की गूंज. यहां सुरक्षा के लिए केवल कंटीली तारों का घेरा होगा, ताकि कैदियों को बंद नहीं बल्कि सुधार के लिए खुला माहौल मिल सके.
कैदियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
इस खुली जेल में लगभग 200 कैदियों को रखने की व्यवस्था की जा रही है. पांच बैरकों में रात को वे विश्राम करेंगे, जबकि दिनभर उन्हें खेतों में या वर्कशॉप में कार्य करने की छूट होगी. सरकार का उद्देश्य है कि इन कैदियों को कृषि, पशुपालन, मछली पालन, मशीनरी वर्क और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए.
जेल परिसर में 10 एकड़ कृषि भूमि, मुर्गी पालन, बकरी पालन, और वर्कशॉप केंद्र जैसी सुविधाएं तैयार की जा रही हैं. यहां आने वाले कैदियों को केवल मजदूरी नहीं, बल्कि तकनीकी और व्यवहारिक ज्ञान भी मिलेगा जिससे वे जेल से बाहर आने पर समाज में गरिमा के साथ जीवन शुरू कर सकें.
परिवार भी रहेगा साथ
इस खुली जेल की एक खास बात यह है कि अच्छे व्यवहार वाले कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने की सुविधा भी मिलेगी. इसके लिए जेल परिसर में अलग मकान बनाए जा रहे हैं, जिससे कैदी सामाजिक और मानसिक रूप से भी संतुलित रह सकें.
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