छत्तीसगढ़ कैबिनेट बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले, सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए बनेगी कमेटी

    Chhattisgarh Cabinet Meeting Decisions: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

    Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai announces major cabinet decisions including relief for surrendered Naxalites
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    Chhattisgarh Cabinet Meeting Decisions: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इन फैसलों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के मामलों की समीक्षा और छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 के प्रारूप को मंजूरी मिलने जैसे अहम मुद्दे शामिल थे. आइए, इन फैसलों पर विस्तार से नजर डालते हैं.

    नक्सलियों के खिलाफ मामलों के निराकरण की प्रक्रिया में बदलाव

    राज्य सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मंत्रिपरिषद ने इस बात को मंजूरी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के मामलों का निराकरण और वापसी संबंधी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा. इसके तहत, आत्मसमर्पित नक्सलियों के खिलाफ पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा के लिए एक उप समिति का गठन किया जाएगा, जो इन मामलों का परीक्षण कर उन्हें मंत्रिपरिषद के सामने प्रस्तुत करेगी.

    यह कदम छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी "छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025" के अनुरूप है. इस नीति का उद्देश्य नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष में योगदान देने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास की प्रक्रिया में मदद करना और उनके खिलाफ दर्ज मामलों का उचित समाधान करना है.

    छत्तीसगढ़ जन विश्वास विधेयक 2025 का अनुमोदन

    मुख्यमंत्री की अगुवाई में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के कानूनों को और अधिक नागरिकों के अनुकूल बनाने के लिए 14 अधिनियमों में संशोधन करने वाले "छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025" के प्रारूप को मंजूरी दी गई. इस विधेयक का उद्देश्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देना है, जिससे राज्य में प्रशासनिक और न्यायिक प्रक्रियाएं सरल और प्रभावी हो सकें.

    विधेयक में छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय शास्ति का प्रावधान किया गया है, ताकि मामलों का त्वरित निपटारा किया जा सके और न्यायालयों पर बोझ कम हो सके. इसके अलावा, कई अधिनियमों में दंड राशि के लंबे समय से अपरिवर्तित रहने के कारण जो समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं, उनका समाधान भी इस विधेयक से होगा. छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां जन विश्वास विधेयक का दूसरा संस्करण लाया गया है, जिससे सुशासन को बढ़ावा मिलेगा.

    आर्थिक प्रस्तावों को लेकर कैबिनेट ने दी मंजूरी

    बैठक में मंत्रिपरिषद ने प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2025-2026 के संदर्भ में छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए भी मंजूरी दी. इस विधेयक का उद्देश्य राज्य के बजट में प्रस्तावित परिवर्तनों और अतिरिक्त खर्चों को सही तरीके से दस्तावेजीकृत करना है, ताकि विकास योजनाओं को साकार किया जा सके.

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