एनसीईआरटी ने 7वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की किताबों में इस साल बड़े बदलाव किए हैं. दिल्ली सल्तनत और मुगलों से जुड़े अध्याय अब इतिहास का हिस्सा नहीं रहे. उनकी जगह अब बच्चों को मौर्य, शुंग, सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों के बारे में पढ़ाया जाएगा. ये बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP) और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCFSE) 2023 के तहत किए गए हैं. इसका मकसद भारतीय ज्ञान परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय संदर्भों को पढ़ाई में अहमियत देना है.
किताब में क्या-क्या बदला?
नई सामाजिक विज्ञान की किताब का नाम "Exploring Society: India and Beyond" रखा गया है. इसमें अब बच्चों को सिखाया जाएगा कि कैसे भारत की भूमि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से पवित्र मानी जाती है. 'How the Land Becomes Sacred' नामक अध्याय में चार धाम यात्रा, 12 ज्योतिर्लिंग, शक्ति पीठों, नदियों, पहाड़ों और जंगलों के महत्व पर रोशनी डाली गई है. प्रयागराज के महाकुंभ मेले में उमड़े 66 करोड़ श्रद्धालुओं का भी जिक्र किया गया है.
आधुनिक भारत की झलक भी शामिल
नई किताबों में केवल इतिहास ही नहीं, बल्कि आज के भारत की तस्वीर भी पेश की गई है. सरकारी अभियानों जैसे 'मेक इन इंडिया' और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' पर भी खास अध्याय जोड़े गए हैं. इसके अलावा, भारतीय संविधान, तिरंगे झंडे से जुड़े अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी विद्यार्थियों को सिखाया जाएगा.
साहित्य की दुनिया में भी नई ताजगी
7वीं कक्षा की अंग्रेजी किताब 'पूर्वी' में भी बदलाव हुए हैं. अब इसमें 15 में से 9 कहानियां भारतीय लेखकों की होंगी, जिनमें रवींद्रनाथ टैगोर, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और रस्किन बॉन्ड जैसी महान हस्तियों की रचनाएं पढ़ने को मिलेंगी.
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