Chandan Mishra Murder: बिहार की राजधानी पटना में पारस अस्पताल में घुसकर कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की हत्या कर दी, जिसे इलाज के लिए पैरोल पर बाहर लाया गया था. पटना के पारस हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुए इस सनसनीखेज मर्डर ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है. अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज उठी और देखते ही देखते चंदन मिश्रा की जिंदगी खत्म हो गई.
कौन है चंदन मिश्रा?
चंदन मिश्रा कोई आम कैदी नहीं था. बक्सर जिले का रहने वाला यह शख्स बीते एक दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय था और उसका नाम कई हाई-प्रोफाइल हत्याकांडों से जुड़ा हुआ था. वर्ष 2011 में इंडस्ट्रियल थाना क्षेत्र में दो चर्चित हत्याएं, भरत राय और शिवजी खरवार की हत्या में उसका नाम प्रमुखता से सामने आया था. इसके साथ ही बक्सर के केसरी चुना भंडार के मालिक राजेंद्र केसरी की हत्या में भी उसकी संलिप्तता पाई गई, जिसके लिए कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यही नहीं, जेल क्लर्क हैदर अली की हत्या में भी वह नामजद था. इन तमाम वारदातों ने उसे बिहार के कुख्यात अपराधियों की कतार में ला खड़ा किया.
पैरोल पर इलाज करवा रहा था चंदन
जेल में सजा काट रहे चंदन मिश्रा को हाल ही में बक्सर से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया था. बीमारी की वजह से उसे 21 दिनों की पैरोल पर पटना लाया गया था ताकि उसका इलाज कराया जा सके. लेकिन शायद उसे खुद भी अंदाजा नहीं था कि यह पैरोल उसके जीवन की अंतिम कड़ी बन जाएगी. जैसे ही वह इलाज के लिए पारस हॉस्पिटल पहुंचा, पहले से घात लगाए शूटरों ने उस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. हमले की पूरी घटना अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है, जिससे हमलावरों की पहचान में पुलिस को काफी मदद मिल रही है.
एसएसपी ने क्या कहा?
पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया है कि शूटरों की पहचान की जा रही है और उनके बक्सर की दिशा में भागने की जानकारी मिली है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है कि क्या इस हत्या में जेल प्रशासन या अस्पताल स्टाफ की कोई अंदरूनी मिलीभगत रही है. पुलिस अस्पताल की सुरक्षा खामियों को भी खंगाल रही है.
आपसी रंजिश की आशंका
चंदन मिश्रा की हत्या को लेकर यह भी आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे पुरानी आपसी रंजिश, गैंगवार या रंगदारी से जुड़ा कोई विवाद हो सकता है. चूंकि वह जेल में रहते हुए भी प्रभावशाली बना हुआ था और कई शातिर गिरोहों से उसका संपर्क था, इसलिए यह पूरी तरह संभव है कि यह हत्या एक साजिश का हिस्सा रही हो. अब पुलिस की जांच से ही साफ होगा कि चंदन मिश्रा का अंत एक दुश्मन की साजिश था या फिर अपराध की उसी दुनिया का एक और खूनी चेहरा, जिसकी शुरुआत उसने खुद की थी.
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