Chaitra Navratri 1st Day 2025: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, जानिए मां शैलपुत्री की पूजा विधि

Chaitra Navratri 1st Day 2025: मां शैलपुत्री को धैर्य और प्रेम की प्रतीक माना जाता है, और कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में खुशहाली आती है.

Chaitra Navratri 1st Day 2025 know the method of worshiping Maa Shailputri
मां शैलपुत्री

Chaitra Navratri 1st Day 2025: नवरात्रि का पर्व देशभर में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दौरान मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, और पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. यह दिन खास होता है, क्योंकि इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा और घट स्थापना की जाती है. मां शैलपुत्री को धैर्य और प्रेम की प्रतीक माना जाता है, और कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में खुशहाली आती है.

मां शैलपुत्री पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से पहले शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करें. इसके बाद, विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें और फिर अखंड ज्योत जलाएं. अब षोडोपचार विधि से मां शैलपुत्री की पूजा करें. पूजा के दौरान, मां शैलपुत्री को कुमकुम, सफेद चंदन, सिंदूर, पान, हल्दी, अक्षत, सुपारी, लौंग, नारियल और 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें. मां शैलपुत्री को सफेद रंग के फूल और सफेद मिठाई का भोग अर्पित करें. फिर, मां के बीज मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करें. शाम को भी मां की आरती करें और प्रसाद वितरित करें.

मां शैलपुत्री का प्रिय रंग और भोग

मां शैलपुत्री का प्रिय रंग सफेद है, इसलिए पूजा में सफेद रंग के खाद्य पदार्थ जैसे खीर, रसगुल्ले, पताशे आदि का भोग अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा, अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए मां शैलपुत्री को गाय के घी का भोग भी अर्पित करना चाहिए. साथ ही, गाय के घी से बनी मिठाईयों का भोग भी लगा सकते हैं.

मां शैलपुत्री पूजा मंत्र

मंत्र 1

या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

उपासना मंत्र

वन्देवांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।

मां शैलपुत्री देवी कवच

ॐकारः में शिरः पातु मूलाधार निवासिनी।
हींकारः पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥
श्रींकार पातु वदने लावण्या महेश्वरी।
हुंकार पातु हृदयम् तारिणी शक्ति स्वघृत।
फट्कार पातु सर्वाङ्गे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥

मां शैलपुत्री की आरती

शैलपुत्रीमां बैल असवार.

करें देवता जय जयकार.

शिव शंकरकीप्रिय भवानी.

तेरीमहिमा किसी ने ना जानी.

पार्वतीतूउमा कहलावे.

जो तुझेसिमरे सो सुख पावे.

ऋद्धि-सिद्धिपरवान करे तू.

दया करे धनवानकरे तू.

सोमवारकोशिव संग प्यारी.

आरतीतेरी जिसने उतारी.

उसकीसगरी आस पुजा दो.

सगरेदुख तकलीफ मिला दो.

घी का सुंदरदीप जला के.

गोलागरी का भोग लगा के.

श्रद्धाभाव से मंत्र गाएं.

प्रेमसहित फिर शीश झुकाएं.

जय गिरिराजकिशोरी अंबे.

शिव मुख चंद्रचकोरी अंबे.

मनोकामनापूर्ण कर दो.

भक्तसदा सुख संपत्ति भर दो.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. भारत 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.