रमजान महीने के खत्म होने पर ईद का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कहा जाता है कि रमजान के रोजे और इबादत के बाद ईद अल्लाह की तरफ से रोजेदारों के लिए एक तोहफा होती है. इस समय दुनियाभर के मुसलमान ईद के चांद का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
हर साल सऊदी अरब में भारत से एक दिन पहले ईद मनाई जाती है. इस बार, 29 मार्च को सऊदी अरब में ईद का चांद नजर आया, जिसका लोग बड़ी उत्सुकता से इंतजार कर रहे थे. अब इस चांद के दिखने के बाद, सऊदी अरब में ईद 30 मार्च, रविवार को मनाई जाएगी. सऊदी अरब की मस्जिद अल-हरम में ईद की नमाज 30 मार्च को सुबह 6:30 बजे अदा की जाएगी.
ईद-उल-फितर 31 मार्च 2025 को मनाई जाएगी
वहीं, भारत में 30 मार्च को चांद दिखने की संभावना है और ईद-उल-फितर 31 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी. हमेशा की तरह, भारत में ईद सऊदी अरब से एक दिन बाद मनाई जाती है, क्योंकि इस बार सऊदी अरब में रमजान 1 मार्च से शुरू हुआ था, जबकि भारत में 2 मार्च से रमजान शुरू हुआ था.
ईद का महीना इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से चांद के दिखने से तय होता है. हर हिजरी महीने की शुरुआत चांद दिखने पर होती है, और ईद-उल-फितर इस्लामी महीने शव्वाल की पहली तारीख को मनाई जाती है. चांद के हिसाब से इस महीने में 29 या 30 दिन होते हैं, इसलिए ईद की तारीख हर साल बदलती रहती है. इस्लामिक जानकार चांद देखकर ही ईद की तारीख तय करते हैं.
सबसे पहले ईद का चांद कहां दिखता है?
ईद का चांद सबसे पहले सऊदी अरब में नजर आता है. इसके बाद, सऊदी अरब के तय किए गए दिन पर ही ईद मनाने का निर्णय होता है. कई मुस्लिम देश सऊदी अरब की तारीख के अनुसार ही ईद मनाते हैं. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में सऊदी अरब के एक दिन बाद ईद मनाई जाती है. हालांकि, शिया आबादी वाले देशों जैसे ईरान में ईद की तारीख सरकार द्वारा तय की जाती है.
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