जाति जनगणना को लेकर लंबे समय से चली आ रही बहस अब एक निर्णायक मोड़ पर आ गई है. मोदी सरकार ने जहां जनगणना में जातिगत आंकड़ों को शामिल करने की मंजूरी दी है. बुधवार को हुई CCPA (कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स) की अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब जातिगत आंकड़े केवल सर्वे का हिस्सा नहीं, बल्कि आधिकारिक जनगणना का अभिन्न अंग होंगे. इस फैसले को सामाजिक न्याय और पारदर्शिता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. सरकार के इस निर्णय को लेकर देश भर के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जहां एक सत्ता पक्ष ने इस फैसले को लेकर सरकार की पीठ थपथपाई है तो वहीं विपक्ष के नेता भी सरकार के निर्णय का समर्थन कर रहे हैं.
शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, 'इस निर्णय से आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों का सशक्तीकरण होगा, और यह वंचितों की प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेगा.'
कांग्रेस नेताओं ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, 'यह कांग्रेस का विजन है, जिसे सरकार ने अपनाया है. राहुल गांधी ने तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए जातीय सर्वे को एक मॉडल बताते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए ब्लू प्रिंट के रूप में प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा, "हम इस फैसले का समर्थन करते हैं और जानना चाहते हैं कि यह कब होगा.'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जाति जनगणना के फैसले पर कहा कि, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लगातार जातिगत जनगणना की मांग उठाई थी, जिसके सबसे मुखर पक्षधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी रहे. आज मोदी सरकार ने आगामी जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है. ये सही कदम है जिसकी हम पहले दिन से मांग कर रहे थे.'
सरकार के फैसले पर बिहार के नेता क्या बोले?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, 'जाति जनगणना कराने से लोगों के उत्थान और विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहूलियत होगी. देश के विकास को गति मिलेगी.' बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री मोदी ने जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना के साथ जोड़ने का काम किया है.'
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि, 'ये हमारी 30 साल पुरानी मांग रही है. ये हमारे पूर्वजों, समाजवादियों और लालू जी की जीत है' एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि,'एक बार फिर से साबित हो गया है कि हमारी सरकार हर उस फैसले को लेगी जो जनता के हित में हो, गरीबों के हित में हो.' जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि,'जातिगत जनगणना हो जाने से देश में सुधार नहीं होगा बल्कि गणना के आधार पर जो निष्कर्ष निकलकर आए और सरकार उस पर काम करेगी तब सुधार होगा.'
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