CDS anil Chauhan On OP Sindoor: रक्षा जगत में एक नई सोच और स्पष्ट दिशा देते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि भारत को अब ऐसे योद्धाओं की जरूरत है जो सिर्फ युद्धभूमि में ही नहीं, बल्कि साइबर स्पेस, सूचना युद्ध और रणनीतिक मोर्चों पर भी उतने ही सक्षम हों. उन्होंने देश की राजधानी में आयोजित एक रक्षा संगोष्ठी में यह विचार साझा किए, जहां उन्होंने ‘हाइब्रिड वॉरियर’ की अवधारणा को भारत की रक्षा रणनीति का अगला अध्याय बताया.
अपने संबोधन की शुरुआत में CDS चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि "ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है", और हमारी सेनाएं लगातार सतर्कता के साथ कार्यरत हैं. उन्होंने दो टूक कहा कि हमारी सैन्य तैयारियों का स्तर इतना मजबूत होना चाहिए कि हम 24x7 और साल के 365 दिन अलर्ट मोड में रह सकें.
युद्ध अब सिर्फ बंदूक और टैंक का खेल नहीं
जनरल चौहान ने जोर देकर कहा कि आज के युद्ध पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकल चुके हैं. अब लड़ाइयां तेज, बहु-आयामी और तकनीकी रूप से अधिक जटिल हो चुकी हैं. उन्होंने इसे "तीसरी सैन्य क्रांति" कहा, जहां दुश्मन को हराने के लिए न केवल हथियार, बल्कि सूचना, टेक्नोलॉजी और मनोवैज्ञानिक युद्ध के मोर्चों पर भी लड़ाई लड़ी जाती है.
सैनिक को बनना होगा ‘हाइब्रिड वॉरियर’
CDS चौहान ने भविष्य के भारतीय सैनिक की तस्वीर पेश करते हुए कहा कि आने वाले समय में हमें चाहिए ऐसे सैनिक जो:
इन्हीं क्षमताओं से लैस योद्धा को उन्होंने ‘हाइब्रिड वॉरियर’ कहा.
तीन नए प्रकार के योद्धा: टेक, इंफो और स्कॉलर वॉरियर्स
सीडीएस ने कहा कि आधुनिक युद्ध के लिए अब तीन तरह के योद्धाओं की जरूरत है:
युद्ध के पांच मोर्चे: थल, जल, नभ, साइबर और स्पेस
जनरल चौहान ने यह भी रेखांकित किया कि आज के युद्ध केवल जमीन, पानी और हवा तक सीमित नहीं रहे. अब साइबर स्पेस और कॉग्निटिव डोमेन (सोच-विचार और मनोवैज्ञानिक दबाव) भी युद्ध के नए मैदान बन चुके हैं. यहां एक ड्रोन अटैक, साइबर अटैक, नैरेटिव वॉर और स्पेस में टेक्निकल बाधा – सब एक-दूसरे से जुड़े हो सकते हैं.
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