CBSE का CCTV कैमरों को लेकर का बड़ा फैसला, अब स्कूलों में चप्पे-चप्पे पर रहेगी तीसरी आंख की नजर

    बच्चों की सुरक्षा हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, और अब CBSE ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में, CBSE ने स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा को और भी पुख्ता किया जा सके.

    CBSE new guidelines cctv camera is mandatory for schools
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    CBSE New Rules: बच्चों की सुरक्षा हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, और अब CBSE ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में, CBSE ने स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा को और भी पुख्ता किया जा सके. यह नया आदेश सभी CBSE स्कूलों में लागू होगा और बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

    कहां लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे?

    CBSE ने स्कूलों में सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए हाई रेजोल्यूशन ऑडियो-विजुअल सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. यह कैमरे स्कूल की हर अहम जगह पर लगाए जाएंगे, जिनमें स्कूल के गेट, कक्षाएं, लाइब्रेरी, खेल के मैदान, लैब, गलियारे, सीढ़ियां, कैंटीन और स्टोर रूम शामिल हैं. हालांकि, बच्चों की प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए टॉयलेट और वॉशरूम को इस नियम से बाहर रखा गया है. यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि स्कूल के हर कोने में होने वाली गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके और किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोका जा सके.

    रिकॉर्डिंग और सुरक्षा

    सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ-साथ CBSE ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कैमरों की रिकॉर्डिंग कम से कम 15 दिन तक सुरक्षित रखी जाए. इसका मतलब यह है कि अगर कोई घटना घटती है, तो प्रशासन को वीडियो फुटेज के आधार पर घटना की जांच करने में मदद मिलेगी. इससे शिकायतों और गलत हरकतों का उचित तरीके से समाधान हो सकेगा और स्कूल की निगरानी तंत्र मजबूत होगा.

    बच्चों की सुरक्षा क्यों है प्राथमिकता?

    राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) का मानना है कि बच्चों को सिर्फ शारीरिक सुरक्षा ही नहीं, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक सुरक्षा भी चाहिए. इस नियम के तहत, स्कूलों में हर शिक्षक, स्टाफ और प्रिंसिपल की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को एक सुरक्षित और समर्थक माहौल प्रदान करें. इससे माता-पिता भी निश्चिंत रह सकेंगे कि उनका बच्चा स्कूल में सुरक्षित है और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए चिंता नहीं करनी पड़ेगी.  

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