न्यूयॉर्क में BRICS देशों की बैठक, भारत पर ट्रंप की धमकी बेअसर, जयशंकर ने अमेरिका को दिया बड़ा संदेश

    संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के दौरान ब्रिक्स (BRICS) देशों के विदेश मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक न्यूयॉर्क में आयोजित की गई.

    BRICS holds major meeting in New York amid tariff war
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    न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के दौरान ब्रिक्स (BRICS) देशों के विदेश मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक न्यूयॉर्क में आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने की, जिन्होंने वैश्विक परिप्रेक्ष्य में BRICS की भूमिका, बहुपक्षीय प्रणाली की रक्षा, वैश्विक शांति, और आर्थिक चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की. यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब दुनिया एक तरफ भू-राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रही है, और दूसरी ओर अमेरिका के संरक्षणवादी रुख और टैरिफ नीतियों को लेकर वैश्विक व्यापार व्यवस्था दबाव में है.

    बहुपक्षीयता को बचाने की अपील

    बैठक के दौरान डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आज के दौर में जब वैश्विक बहुपक्षीय ढांचे पर सवाल खड़े हो रहे हैं, BRICS एक 'तार्किक और स्थिर आवाज़' बनकर सामने आया है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि BRICS सिर्फ एक समूह नहीं, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो संरचनात्मक सुधारों और वैश्विक शक्ति संतुलन में परिवर्तन के लिए एक सशक्त माध्यम बन रहा है.

    जयशंकर ने कहा, "एक अशांत दुनिया में, BRICS को शांति स्थापना, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के संदेश को मजबूत करना चाहिए."

    उन्होंने बहुपक्षीय संस्थाओं की विफलताओं को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के विस्तार और उसमें विकासशील देशों की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई.

    अमेरिकी टैरिफ नीति पर परोक्ष जवाब

    जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका, खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते, विभिन्न देशों पर भारी टैरिफ (शुल्क) लगा रहा है. ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयातित कई उत्पादों पर लगभग 50% तक टैरिफ लगा दिया. इस नीति की व्यापक आलोचना अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों द्वारा की गई थी, क्योंकि इससे मल्टीलेटरल ट्रेडिंग सिस्टम (बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था) खतरे में आ गई थी.

    जयशंकर ने इस संदर्भ में BRICS देशों से अपील की कि वे मिलकर संरक्षणवाद (Protectionism), टैरिफ अस्थिरता, और गैर-टैरिफ बाधाओं (Non-tariff Barriers) से लड़ें और एक न्यायसंगत तथा संतुलित वैश्विक व्यापार ढांचे की पुन: स्थापना करें.

    भारत की BRICS प्राथमिकताएं

    बैठक में जयशंकर ने भारत की BRICS रणनीति को भी स्पष्ट किया. उन्होंने बताया कि भारत की अध्यक्षता में BRICS का प्रमुख फोकस कुछ प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर रहेगा:

    • खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा (Food & Energy Security)
    • जलवायु परिवर्तन और सतत विकास (Climate Change & Sustainable Development)
    • डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (Digital Transformation)
    • स्टार्टअप्स और नवाचार (Innovation & Startups)
    • विकास सहयोग (Development Partnerships)

    उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी सहयोग BRICS के अगले चरण की कुंजी बनेगा और इस दिशा में भारत सक्रिय भूमिका निभाएगा.

    UNSC सुधार पर भारत की दो टूक

    जयशंकर ने BRICS मंच का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की पुरजोर वकालत की. उन्होंने स्पष्ट किया कि आज की वैश्विक व्यवस्था में 1945 के बाद के बने ढांचे अप्रासंगिक हो चुके हैं, और इन संस्थानों को 21वीं सदी की हकीकतों को दर्शाने के लिए बदलना होगा. उन्होंने यह मांग दोहराई कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और अन्य विकासशील देशों को स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए, ताकि वैश्विक निर्णय-निर्माण में समावेशिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके.

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