चीन एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत के दम पर दुनिया की नींद उड़ाने की तैयारी में है. इस बार चर्चा में है उसका नया और बेहद रहस्यमय छठी पीढ़ी का फाइटर जेट, जिसे अब तक नाम नहीं दिया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह J-36 हो सकता है. इसकी झलक एक बार फिर हवा में देखने को मिली है और इसके फीचर्स देखकर एक्सपर्ट्स भी दंग हैं.
इस जेट को अमेरिका के NGAD (Next Generation Air Dominance) प्रोग्राम और ब्रिटेन के Tempest जेट का कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. सबसे खास बात – तीन इंजन, बिना टेल और सुपर स्टील्थ डिज़ाइन के साथ यह जेट युद्ध के मैदान में 'गेम चेंजर' बन सकता है.
कैसी है चीन की ये 'हवा की तलवार'?
क्या बनाता है इसे खतरनाक?
भारत और अमेरिका की चिंता क्यों बढ़ी?
चीन का यह जेट साउथ चाइना सी से लेकर हिंद महासागर तक सैन्य संतुलन को बिगाड़ सकता है. यही वजह है कि रक्षा विश्लेषक इसे भारत और अमेरिका दोनों के लिए संभावित खतरा मान रहे हैं.
अमेरिकी वायुसेना के अफसर एंड्रयू पी. हंटर ने माना कि यह जेट 2025 तक ऑपरेशनल हो सकता है और इसे ‘एयरबोर्न क्रूजर’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है – यानी मिसाइल और ड्रोन को कंट्रोल करने वाला हवाई कमांड सेंटर.
सोशल मीडिया पर मचा हलचल
आखिर क्या है भारत का विकल्प?
इस नई चुनौती के सामने भारत को भी अपनी वायुसेना को 6th जनरेशन फाइटर जेट्स, स्वदेशी तकनीक और AI-बेस्ड डिफेंस की ओर तेजी से बढ़ाना होगा. तेजस MK2, AMCA प्रोजेक्ट और राफेल के अपग्रेड्स अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गए हैं. कह सकते हैं – जंग अब सिर्फ हथियारों की नहीं, टेक्नोलॉजी की भी होने वाली है… और चीन इसकी तैयारी पूरी कर चुका है.
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