नई दिल्ली/बेंगलुरु: देश की राजधानी दिल्ली और बेंगलुरु में शुक्रवार सुबह अचानक उस वक्त हलचल मच गई जब 80 से अधिक स्कूलों को एक जैसे बम धमकी भरे ईमेल मिले. दिल्ली के लगभग 45 और बेंगलुरु के 50 स्कूलों को निशाना बनाया गया. इस घटना के बाद स्कूलों को एहतियातन खाली करा लिया गया, और बम निरोधक दस्ते के साथ पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें जांच में जुट गईं.
राजधानी में पांच दिन में चौथी बार बम की धमकी
दिल्ली में इस सप्ताह यह चौथा मामला है, जिससे अभिभावकों और स्कूल प्रशासन में चिंता का माहौल है. 14 जुलाई को दो, 15 जुलाई को तीन, और 16 जुलाई को लगभग 10 स्कूलों एवं दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन्स कॉलेज को भी इसी तरह की धमकी मिली थी.
आज जिन स्कूलों को धमकी मिली, उनमें पीतमपुरा, द्वारका, रोहिणी, संगम विहार, पश्चिम विहार जैसे इलाकों के प्रमुख स्कूल शामिल हैं. इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी के तीन कॉलेजों को भी बम की धमकी मिली है.
बेंगलुरु में भी एक जैसे ईमेल से फैली चिंता
बेंगलुरु में भी लगभग 50 स्कूलों को एक ही तरह की धमकी मिली है. पुलिस के अनुसार, "roadkill333" नामक एक ईमेल यूजर ने सुबह 7:24 बजे ये संदेश भेजे. ईमेल में बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया और गंभीर मानसिक परेशानी से जूझने का दावा करते हुए खुद को इस कृत्य के पीछे बताया गया है.
पुलिस और स्पेशल टीमें तुरंत ऐक्टिव हुईं और प्रभावित स्कूलों में सुरक्षा जांच शुरू कर दी गई है.
ईमेल में क्या लिखा था?
धमकी भरे ईमेल में कहा गया कि स्कूलों में बम लगाए गए हैं और इसके पीछे मकसद समाज को “तकलीफ देना” है. संदेश में आत्मघाती विचार और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातें भी लिखी गईं, जिससे यह संदेह और गहराता है कि भेजने वाला व्यक्ति संभवतः मानसिक तनाव से जूझ रहा हो.
हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात पर जोर दिया है कि वे किसी भी खतरे को नजरअंदाज नहीं कर रहीं और हर अलर्ट को गंभीरता से लिया जा रहा है.
बीते मामलों से मिलती-जुलती घटनाएं
पिछले साल भी ऐसे मामले सामने आए थे. मई से दिसंबर 2024 के बीच दिल्ली में 50 से ज्यादा बम धमकी के मामले रिपोर्ट हुए थे. जांच में पता चला कि इनमें से कुछ धमकियां छात्रों द्वारा ही भेजी गई थीं, जिनका उद्देश्य परीक्षा टालना था.
दिल्ली पुलिस ने बताया था कि दो नाबालिग भाई-बहन ने तीन स्कूलों को फर्जी ईमेल भेजे थे और पूछताछ में उन्होंने यह स्वीकार भी किया था. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जगह काउंसलिंग की गई थी.
पुलिस की अपील: अफवाहों पर न दें ध्यान
पुलिस का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में डर फैलाने की कोशिश हो सकती हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं. आम जनता से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें.
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