Vikram Bhatt Arrested: बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक विक्रम भट्ट को राजस्थान और मुंबई पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुंबई के यारी रोड क्षेत्र से हिरासत में ले लिया गया. यह गिरफ्तारी उस मामले से जुड़ी है जिसमें उदयपुर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर ने फिल्म निवेश के नाम पर बड़े पैमाने पर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. पुलिस अब अदालत से अनुमति लेकर भट्ट को आगे की जांच के लिए राजस्थान ले जाने की तैयारी में है.
करीब तीन सप्ताह पहले उदयपुर के प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ और इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के संस्थापक डॉ. अजय मुर्डिया ने विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट और छह अन्य लोगों पर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज कराया था. डॉक्टर का आरोप है कि उन्हें फिल्मों में निवेश कर भारी मुनाफा देने का भरोसा दिलाया गया, लेकिन बदले में न तो तयशुदा प्रोजेक्ट पूरे हुए और न ही उनसे संबंधित अधिकार उन्हें सौंपे गए.
FIR के विवरण के अनुसार, डॉक्टर मुर्डिया ने अपनी दिवंगत पत्नी की याद में एक फिल्म बनाने का निश्चय किया था और इसी उद्देश्य से विक्रम भट्ट की प्रोडक्शन कंपनी के साथ चार फिल्मों का करार किया था. शिकायत में कहा गया है कि चार में से केवल दो फिल्में ही बनाई गईं और उन दोनों के अधिकार भी उन्हें नहीं दिए गए, जबकि निवेश का बड़ा हिस्सा पहले ही ले लिया गया था. पुलिस के अनुसार जांच में यह भी सामने आया है कि अत्यधिक मूल्य वाले बिल और कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज़ों के माध्यम से पैसे का दुरुपयोग किया गया.
लुकआउट नोटिस के बाद कार्रवाई तेज हुई
उदयपुर पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पिछले सप्ताह ही सभी आठ नामजद आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. इस नोटिस के तहत उन्हें 8 दिसंबर तक पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था और विदेश जाने पर रोक लगा दी गई थी. तय समय गुजरने के बावजूद आरोपियों के सामने न आने के बाद पुलिस टीमों ने मुंबई और अन्य शहरों में तलाश शुरू की, जिसके बाद यह गिरफ्तारी की गई.
मुंबई से राजस्थान ले जाने की आवश्यकता क्यों?
चूंकि मामला राजस्थान में दर्ज है और गिरफ्तारी मुंबई में हुई है, इसलिए पुलिस को आरोपी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेना अनिवार्य है. यही वजह है कि राजस्थान पुलिस की टीम ने बांद्रा कोर्ट का रुख किया है. रिमांड मिलने के बाद भट्ट को उदयपुर ले जाकर उनसे पूछताछ की जाएगी, जहाँ पुलिस को यह उम्मीद है कि धन के लेनदेन, निवेश, और कथित ग़बन से जुड़े कई और पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है.
आगे की जांच किस दिशा में जा सकती है
पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि फिल्म निर्माण के नाम पर कितना पैसा कहां-कहां खर्च किया गया, किन खातों में ट्रांसफर हुआ और इस पूरे प्रोजेक्ट की असली संचालन व्यवस्था क्या थी. यह भी जांच का हिस्सा है कि क्या आरोपियों ने जानबूझकर निवेशक को गुमराह किया या फिर प्रोजेक्ट अधूरा रहने के पीछे कोई अन्य वजह है. इसके अलावा पुलिस यह भी पता लगाएगी कि दस्तावेज़ों में कथित गड़बड़ी किस स्तर पर हुई और क्या इसमें कोई अन्य सहयोगी या एजेंसियां शामिल थीं.
मामले का फिल्म उद्योग पर असर
विक्रम भट्ट लंबे समय से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय रहे हैं और कई लोकप्रिय फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. ऐसे वक्त में उनकी गिरफ्तारी फिल्म जगत के लिए बड़ी खबर मानी जा रही है. उद्योग के कई लोग यह भी मानते हैं कि यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह मामला मनोरंजन जगत में वित्तीय पारदर्शिता को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे सकता है.
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