Number of schools in the world: शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की असली शक्ति होती है. आधुनिक समय में हर देश इस बात को समझ चुका है कि मजबूत शिक्षा व्यवस्था न केवल आर्थिक प्रगति की नींव रखती है, बल्कि समाज को भी स्थिरता प्रदान करती है. यही कारण है कि दुनिया भर के राष्ट्र अपने-अपने संसाधनों के अनुसार स्कूलों और विश्वविद्यालयों का विशाल नेटवर्क बनाते हैं. लेकिन अक्सर यह सवाल चर्चा में रहता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थान किस देश में हैं? और इस सूची में भारत की स्थिति क्या है?
भारत दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है. उसकी कुल आबादी का लगभग आधा हिस्सा 25 वर्ष से कम उम्र का है, जो भारत को “युवा देश” बनाता है. इतनी बड़ी युवा आबादी को शिक्षित करने के लिए एक बेहद व्यापक और मजबूत शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता होती है. इसी चुनौती को देखते हुए भारत ने पिछले कुछ दशकों में अपने शिक्षण संस्थानों के विस्तार पर निरंतर काम किया है, ताकि अधिक से अधिक बच्चों और युवाओं तक शिक्षा पहुँच सके.
भारत: दुनिया में सबसे अधिक शिक्षण संस्थानों वाला देश
भारत आज दुनिया का वह देश बन चुका है, जहाँ स्कूलों और कॉलेजों की संख्या सबसे ज्यादा है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार भारत में माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 से 12) देने वाले विद्यालयों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है. देश में ऐसी संस्थाओं की संख्या लगभग एक लाख चालीस हजार के करीब मानी जाती है. यह आँकड़ा इस बात का प्रमाण है कि भारत ने किशोर शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए हैं.
देश में स्कूलों का विशाल नेटवर्क
पूरे भारत में लगभग पंद्रह लाख स्कूल संचालित होते हैं, जिनमें प्राथमिक स्तर से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक के सभी प्रकार के स्कूल शामिल हैं. पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मेट्रो शहरों तक फैला यह विस्तृत नेटवर्क भारत की विशाल आबादी तक शिक्षा पहुँचाने के लिए लगातार प्रयासरत है. हालाँकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच गुणवत्ता का अंतर अभी भी एक चुनौती है, लेकिन संस्थानों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया के किसी भी देश से काफी आगे है.
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत की स्थिति
भारत न केवल स्कूलों की संख्या में, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में भी विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है. देश में बारह हजार से अधिक कॉलेज और विश्वविद्यालय मौजूद हैं. कुछ अनुमानों के अनुसार विश्वविद्यालयों की संख्या चार हजार से लेकर आठ हजार के बीच बताई जाती है. इस विस्तृत तंत्र में IIT, IIM, NIT और IISc जैसे संस्थान वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षण गुणवत्ता के लिए पहचाने जाते हैं. भारत की इस क्षमता ने इसे वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाया है.
संयुक्त राज्य अमेरिका, गुणवत्ता आधारित उच्च शिक्षा का केंद्र
संयुक्त राज्य अमेरिका कुल संख्या के मामले में भारत से पीछे हो सकता है, लेकिन गुणवत्ता के आधार पर वह दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा प्रणाली वाला देश माना जाता है. यहाँ लगभग छह हजार उच्च शिक्षा संस्थान संचालित हैं जो बैचलर डिग्री से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई कराते हैं. हार्वर्ड, MIT, स्टैनफोर्ड, येल और प्रिंसटन जैसे विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में उत्कृष्टता के प्रतीक माने जाते हैं. यही कारण है कि विश्वभर के लाखों छात्र अमेरिका में पढ़ाई को अपनी पहली पसंद मानते हैं.
चीन: तेजी से उभरती उच्च शिक्षा महाशक्ति
चीन उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर आता है. चीन के शिक्षा मंत्रालय के अनुसार देश में तीन हजार से अधिक विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थान मौजूद हैं. इनमें त्सिङहुआ और पेकिंग विश्वविद्यालय जैसे संस्थान न केवल चीन बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण केंद्रों में गिने जाते हैं. चीन की यह प्रगति उसके शिक्षा ढांचे के निरंतर विस्तार और प्रौद्योगिकी में निवेश का परिणाम है.
शिक्षा तंत्र की वैश्विक तुलना में भारत की विशेष बढ़त
वैश्विक परिदृश्य को देखने पर स्पष्ट होता है कि भारत कुल शिक्षण संस्थानों की संख्या में दुनिया में पहले स्थान पर है. अमेरिका उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और वैश्विक प्रभाव में सबसे आगे है, जबकि चीन तेजी से अपने शिक्षा तंत्र का विस्तार कर रहा है. भारत की विशाल शिक्षा व्यवस्था उसकी बड़ी जनसंख्या और निरंतर विस्तार का परिणाम है. हालांकि चुनौतियाँ जैसे गुणवत्ता सुधार, शिक्षा में समान अवसर और बेहतर आधारभूत संरचना अभी भी मौजूद हैं, लेकिन संस्थानों के नेटवर्क के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षण ढांचा रखता है.
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