जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील जिलों राजौरी और पुंछ में आधी रात के समय अचानक अंधेरा छा गया. इन दोनों जिलों में एक साथ ब्लैकआउट की स्थिति बन गई, जिससे स्थानीय लोगों में डर और बेचैनी फैल गई. इस अंधेरे के बीच एलओसी (नियंत्रण रेखा) के नजदीक जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं.
रात 8 बजे भी हुआ था ब्लैकआउट
गुरुवार रात 8 बजे के आसपास जम्मू के कई क्षेत्रों में बिजली सप्लाई जानबूझकर बंद कर दी गई. इसका उद्देश्य था—किसी भी संभावित हवाई हमले या ड्रोन स्ट्राइक से बचाव.
पाकिस्तान की ओर से बार-बार की जा रही हवाई निगरानी और ड्रोन घुसपैठ की घटनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया. ब्लैकआउट से संभावित लक्ष्यों को दृश्य से छिपाने में मदद मिलती है, जिससे दुश्मन की निगरानी व सटीक निशाना लगाने की क्षमता प्रभावित होती है.
कई क्षेत्रों में सायरन बजाए गए
ब्लैकआउट के साथ-साथ कई क्षेत्रों में सायरन बजाए गए, जिनका उद्देश्य था लोगों को सतर्क करना और घरों के भीतर रहने के लिए आगाह करना. आरएसपुरा के एक निवासी ने बताया, "सायरन की आवाज़ सुनकर बच्चों में डर बैठ गया है. लोग समझ नहीं पा रहे कि हो क्या रहा है." सेना द्वारा लोगों को शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है.
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