नई दिल्ली: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बाइक और स्कूटर जैसे दोपहिया वाहन आम आदमी का सबसे भरोसेमंद साथी बन चुके हैं. चाहे ऑफिस जाना हो या किसी पास के बाजार तक पहुँचना हो, बाइक हर जगह एक स्मार्ट और तेज़ विकल्प माना जाता है. लेकिन इसी तेज़ी ने अब खतरे की घंटी बजा दी है. भारत में हर साल हजारों लोग सिर्फ बाइक एक्सीडेंट्स के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं और 2023 के आंकड़े तो और भी चौंकाने वाले हैं.
युवाओं की हीरोपंती बन रही मौत की वजह
शहरों में आजकल युवाओं में बाइक से स्टंट करने, तेज़ रफ्तार में रेस लगाने और ट्रैफिक नियमों को अनदेखा करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. ये सब सिर्फ कुछ सेकंड का एडवेंचर लगता है, लेकिन इसके पीछे जानलेवा खतरा छुपा है. हर साल ऐसे स्टंट और लापरवाही की वजह से हज़ारों की ज़िंदगियाँ सड़क पर ही खत्म हो जाती हैं.
2023 में सड़क हादसों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में सड़क हादसों में 45% मौतें दोपहिया वाहनों से जुड़ी थीं. कुल 77,539 लोगों की मौत ऐसे हादसों में हुई, जिनमें बाइक या स्कूटर शामिल थे. इनमें से 48,818 लोगों की मौत की मुख्य वजह दोपहिया वाहन ही थे. यह आंकड़ा दर्शाता है कि चाहे सवारी खुद कर रहे हों या कोई दूसरा वाहन टकराया हो, दोपहिया सवार सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं.
सिर्फ सवार नहीं, राहगीर भी खतरे में
यह सिर्फ बाइक या स्कूटर चलाने वालों के लिए ही खतरनाक नहीं है. रिपोर्ट बताती है कि सड़क पर चलने वाले पैदल यात्री और साइकिल सवार भी दोपहिया वाहनों की वजह से जान गंवा रहे हैं. 2023 में मारे गए पैदल और साइकिल चालकों में से लगभग एक-चौथाई मौतें ऐसे हादसों में हुईं, जिनमें दोपहिया वाहन शामिल थे.
राज्यवार डेटा: कहाँ सबसे ज्यादा मौतें?
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ दोपहिया हादसे का खतरा बाकी राज्यों के मुकाबले कहीं ज्यादा है.
सबसे ज्यादा पैदल और दोपहिया सवारों की मौतें:
दोपहिया सवारों की मौतों में टॉप राज्य:
ये आंकड़े साफ बताते हैं कि बाइक सवार सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं और राज्य सरकारों को सड़क सुरक्षा पर गंभीरता से काम करने की ज़रूरत है.
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