जब प्रेम ने पार कीं सरहदें! श्रीलंका का दूल्हा बना बिहार का दामाद; पूरी फिल्मी है ये लव स्टोरी

    श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से पहुंचे किसलय एकनायके ने पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के साथ रुचिका किशोर संग सात फेरे लिए. ढोल-नगाड़ों की गूंज, भोजपुरी गीतों की मिठास और भारतीय परंपरा की खूबसूरती में रंगी इस शादी ने सभी के दिलों को जीत लिया.

    Bihar Sri Lanka marriage viral social media
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    बिहार के मुजफ्फरपुर में हाल ही में एक ऐसी शादी हुई, जिसने सिर्फ रिश्तों को नहीं, बल्कि दिलों को भी जोड़ दिया. यह शादी खास इसलिए नहीं थी कि एक विदेशी दूल्हा बारात लेकर आया, बल्कि इसलिए क्योंकि इस विवाह ने दो देशों की परंपराओं, भावनाओं और संस्कृति को एक साथ पिरो दिया.

    श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से पहुंचे किसलय एकनायके ने पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के साथ रुचिका किशोर संग सात फेरे लिए. ढोल-नगाड़ों की गूंज, भोजपुरी गीतों की मिठास और भारतीय परंपरा की खूबसूरती में रंगी इस शादी ने सभी के दिलों को जीत लिया. विदेशी मेहमानों ने भी नाच-गाने और रस्मों में पूरा उत्साह दिखाया.

    जब पढ़ाई ने रखी प्यार की नींव

    यह अनोखी प्रेम कहानी शुरू हुई थी 2019 में, जब रुचिका और किसलय की मुलाकात कोलंबो यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुई. दोस्ती की शुरुआत धीरे-धीरे गहरी होती गई और एक साल बाद दोनों ने अपने दिल की बात एक-दूसरे से साझा की. रुचिका ने बिना हिचक किसलय के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, लेकिन असली चुनौती तो अब शुरू हुई थी—परिवार को इस रिश्ते के लिए मनाना.

    दोनों परिवारों की सहमति से बनी बात

    रुचिका के चाचा देवांशु किशोर ने इस रिश्ते को दोनों परिवारों के सामने सहज और सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया. उनकी समझदारी और भरोसे ने दोनों पक्षों को एकजुट किया. तय हुआ कि शादी पूरी तरह भारतीय परंपरा में, मुजफ्फरपुर में ही होगी. किसलय का परिवार भी सहर्ष इस फैसले में शामिल हो गया और भारत आने की तैयारियां शुरू हुईं.

    जब मुजफ्फरपुर में हुआ विदेशी बारात का स्वागत

    किसलय के माता-पिता अरुण और देविका एकनायके, उनकी बहनें और कुछ करीबी दोस्त इस शादी में शामिल होने भारत पहुंचे. जैसे ही बारात मुजफ्फरपुर की धरती पर पहुंची, स्थानीय लोगों ने उनका ज़ोरदार स्वागत किया. हल्दी, मेहंदी, जयमाला, फेरे और विदाई—हर रस्म को पारंपरिक और भावनात्मक अंदाज़ में निभाया गया.

    दूल्हे के पिता अरुण ने कहा, "हमने कभी नहीं सोचा था कि किसी दूसरे देश में ऐसा अपनापन मिलेगा. भारतीय परंपराएं भले ही लंबी हों, पर उनमें छुपा प्यार और सम्मान दिल को छू लेने वाला है. अब हम भी भारतीय शादियों के दीवाने हो गए हैं!"

    'सपना हुआ सच' - रुचिका

    शादी के बाद रुचिका ने भावुक होकर कहा, “यह सिर्फ हमारा विवाह नहीं था, बल्कि यह दो संस्कृतियों का मिलन था. हमने जो सपना देखा था, वह आज पूरा हुआ. कई चुनौतियां आईं लेकिन प्यार ने हर मुश्किल को आसान बना दिया.”

    दूल्हे किसलय ने भी भारतीय परंपराओं और मेहमाननवाज़ी की तारीफ करते हुए कहा कि भारत में शादी करना उनके लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा, “यह अनुभव जीवन भर हमारे साथ रहेगा. यहां जो अपनापन मिला, वो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.”

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