Liqour Ban In Bihar: शराबबंदी को लेकर सख्त माने जाने वाले बिहार में एक बार फिर अवैध शराब तस्करी ने सरकार और प्रशासन की नींद उड़ा दी है. विधानसभा चुनाव से पहले शराब के अवैध धंधे में तेजी आने की आशंका जताई जा रही है. मद्य निषेध इकाई की हालिया समीक्षा बैठक में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, बिहार में जो अवैध शराब पकड़ी जा रही है, वह मुख्यत उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश से लाई जा रही है.
सीमावर्ती इलाकों में बनेंगे 390 चेकपोस्ट
बढ़ती तस्करी को रोकने के लिए प्रशासन ने अब बड़ा कदम उठाया है. बिहार से सटे 23 सीमावर्ती जिलों में कुल 390 नए चेकपोस्ट बनाने का फैसला लिया गया है, जिनमें से 161 स्थानों की पहचान कर ली गई है. इन चेकपोस्टों पर हैंडहेल्ड स्कैनर, खोजी कुत्ते, और प्रशिक्षित सुरक्षाबलों की मदद से निगरानी की जाएगी.
यूपी, बंगाल और झारखंड के बॉर्डर पर कड़ी निगरानी
विशेष ध्यान उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड से सटी सीमाओं पर दिया जा रहा है. इन राज्यों के साथ रेलवे पुलिस और एसएसबी की संयुक्त बैठक भी की गई है. सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर नजर रखने और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
QR कोड से होगी शराब की पहचान
तस्करी रोकने की दिशा में तकनीकी उपाय भी अपनाए जा रहे हैं. अब शराब की खेप की पहचान बैच नंबर और QR कोड के जरिए की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि किस राज्य से शराब आ रही है. इस आधार पर संबंधित राज्यों को सूचना देकर नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया था, और अब इनकी नियुक्ति भी हो चुकी है.
सहयोग के लिए राज्यों को भेजा गया पत्र
बिहार सरकार ने शराब आपूर्ति में लिप्त राज्यों के डीजीपी और उत्पाद आयुक्तों को पत्र लिखकर सहयोग की अपील की है. उद्देश्य साफ है—चुनाव से पहले किसी भी सूरत में अवैध शराब की खेप बिहार में दाखिल न होने पाए.
औचक निरीक्षण का निर्देश
सभी मद्य निषेध अधीक्षक और सहायक आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे सप्ताह में कम से कम दो दिन औचक निरीक्षण करें, जिससे किसी भी स्तर पर लापरवाही को रोका जा सके.
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