बिहार के बाद पूरे देश में शुरू होगा SIR अभियान, चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

    SIR Campaign: देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद माने जाने वाले मताधिकार को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हो रही. बिहार से शुरू किए गए विशेष मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को अब चुनाव आयोग पूरे देश में करने की तैयारी कर रही है.

    Bihar SIR campaign will start across the country Election Commission
    Image Source: ANI/ File

    SIR Campaign: देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद माने जाने वाले मताधिकार को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हो रही. बिहार से शुरू किए गए विशेष मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को अब चुनाव आयोग पूरे देश में करने की तैयारी कर रही है. आयोग ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जल्द ही इसे देशभर में लागू किया जाएगा, इसके लिए आयोग ने पहले ही 24 जून को आदेश जारी कर दिया था.

    मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र की मजबूती

    चुनाव आयोग का कहना है कि यह गहन पुनरीक्षण जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 और पंजीकरण नियम, 1960 के तहत पूरी पारदर्शिता से किया जा रहा है. आयोग के अनुसार, इसका उद्देश्य मतदाता सूची में से मृत, दोहरी प्रविष्टि वाले, फर्जी या स्थायी रूप से पलायन कर चुके लोगों के नाम हटाना है. आयोग ने दोहराया है कि मतदाता सूची से नाम हटना नागरिकता समाप्त होना नहीं माना जाएगा.

    "क्या फर्जी वोटिंग की छूट दी जाए?"

    आयोग ने सवाल किया है, “क्या लोकतंत्र की रक्षा करने वाला चुनाव आयोग विरोध के डर से झुक जाए? क्या उन फर्जी मतदाताओं को वोट डालने दिया जाए जो मृतक हैं, पलायन कर चुके हैं या एक से अधिक जगहों पर पंजीकृत हैं?” आयोग ने साफ किया कि यह प्रक्रिया संविधान और कानून के तहत जरूरी है, ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें.

    कितने नाम हट सकते हैं?

    बिहार में अब तक के आकलन के मुताबिक, लगभग 56 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं:

    • 20 लाख मृतक
    • 28 लाख स्थायी रूप से पलायन करने वाले
    • 7 लाख दोहराव वाले
    • 1 लाख ऐसे जिनका कोई पता नहीं

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