चंदन मिश्रा मर्डर केस में 'रहस्यमयी लेडी डॉन' की एंट्री, नीशू खान से खास कनेक्शन, जानें कौन है वो खतरनाक महिला

    पटना के चर्चित पारस अस्पताल में हुए चंदन मिश्रा मर्डर केस ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है. जहां एक ओर पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

    bIHAR Patna News Entry of 'Mysterious Lady Don' in Chandan Mishra Murder, Nishu Khan
    Image Source: ANI

    Chandan Mishra Murder: पटना के चर्चित पारस अस्पताल में हुए चंदन मिश्रा मर्डर केस ने अब एक और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है. जहां एक ओर पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं कोलकाता की रहने वाली अल्पना दास की गिरफ्तारी ने इस केस को और भी पेचीदा बना दिया है. फिलहाल अल्पना की भूमिका को लेकर पुलिस ने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि वह मुख्य शूटर तौसीफ बादशाह के गैंग से जुड़ी रही है और हत्या के बाद शूटरों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में अहम भूमिका निभाई.

    गहरी प्लानिंग, कई किरदार

    इस हत्याकांड की स्क्रिप्ट बिहार के समनपुरा इलाके में लिखी गई, जहां तौसीफ, नीशू खान, मोनू सिंह, बलवंत सिंह, अभिषेक और नीलेश जैसे शूटरों ने अड्डा बनाया था. वहीं, कोलकाता में अल्पना दास के ज़रिए शूटरों को गेस्ट हाउस, छिपने की जगह और भागने की व्यवस्था करवाई गई, ऐसा शक है. अल्पना दास को 19 जुलाई को कोलकाता के आनंदपुर और न्यू टाउन इलाके से पटना और बंगाल पुलिस की संयुक्त टीम ने पकड़ा. उसके साथ जिन अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई, उनमें तौसीफ, नीशू, हर्ष उर्फ हरीश कुमार, भीम कुमार, युनूस खान और एक अन्य महिला भी शामिल है.

    अस्पताल की रेकी और अंदरुनी मिलीभगत

    पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या से पहले अस्पताल की रेकी की गई थी. 209 नंबर कमरे की जानकारी हर्ष ने दी, जो पहले से अस्पताल परिसर में घुस चुका था. इसी रेकी के आधार पर शूटरों ने चंदन मिश्रा को गोली मारी. साथ ही पारस अस्पताल के कुछ सुरक्षाकर्मियों की संदिग्ध भूमिका भी जांच के घेरे में है. पुलिस ने चार गार्ड्स को हिरासत में लिया है, जिससे यह साफ संकेत मिलते हैं कि अंदर से भी मदद मिली हो सकती है.

    अल्पना की रहस्यमयी भूमिका

    अल्पना दास की गिरफ्तारी से यह भी साफ हो रहा है कि अब संगठित अपराध में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. सूत्रों का कहना है कि अल्पना सिर्फ एक मददगार नहीं, बल्कि साजिश की एक अहम कड़ी हो सकती है. कुछ जानकारों का मानना है कि वह तौसीफ गैंग के साथ लंबे समय से जुड़ी रही है, जो जमीन कब्जा, अवैध वसूली और सुपारी किलिंग जैसे अपराधों में लिप्त है. ऐसे में अल्पना की भूमिका सिर्फ “ठिकाना दिलवाने” तक सीमित नहीं हो सकती.

    कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल

    चंदन मिश्रा हत्याकांड ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर करारा तमाचा जड़ा है. अस्पताल जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगह पर दिनदहाड़े हुई हत्या, और फिर शूटरों का फरार होना, इस बात को दर्शाता है कि संगठित अपराध किस हद तक फैल चुका है. इसमें अल्पना जैसी महिलाओं की संलिप्तता बताती है कि अपराध अब सिर्फ सीमित चेहरों तक नहीं रहा. इसमें अब प्रशिक्षित, संगठित और योजनाबद्ध तरीके से कई वर्गों की भागीदारी बढ़ रही है.

    ये भी पढ़ें- बित्रा द्वीप पर कब्जा क्यों करना चाहती है भारत सरकार? चीन, तुर्की, मालदीव को घेरने की हो रही तैयारी!