पटना: बिहार सरकार ने मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में विकास और कल्याण की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 48 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, और रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं. “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को 10 हजार रुपये की प्रारंभिक सहायता देने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है. इसके साथ ही, सात नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और 3233 नए पदों के सृजन को भी हरी झंडी मिली है. यह बैठक बिहार के समग्र विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग को 20 हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि आवंटित की गई है. इस योजना का लक्ष्य प्रत्येक परिवार की एक महिला को आत्मनिर्भर बनाना है. प्रारंभिक चरण में 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में दी जाएगी, और रोजगार के आकलन के बाद 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी. अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए कैबिनेट ने सात नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी है. ये कॉलेज किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा जिलों में खोले जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वतंत्रता दिवस की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए यह कदम उठाया गया है, जिसका लक्ष्य प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करना है. इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि चिकित्सा शिक्षा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
खिलाड़ियों को सम्मान और प्रोत्साहन
खेलों को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर वेतनमान और सरकारी पदों पर नियुक्ति दी जाएगी. यह कदम बिहार के युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करेगा और खेलों में राज्य की भागीदारी को बढ़ाएगा. यह पहल न केवल खेल प्रतिभाओं को सम्मान देगी, बल्कि उनके करियर को भी सुरक्षित बनाएगी.
नए पदों का सृजन: रोजगार के अवसर
कैबिनेट ने विभिन्न विभागों में 3233 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी है. अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के तहत 40 नए आवासीय विद्यालयों में 1800 शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पद सृजित होंगे, जिसमें प्रधानाध्यापक, अध्यापक और सहायक कर्मचारी शामिल हैं. इसके अलावा, विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग में 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए 237 पद, कला, संस्कृति और युवा विभाग में 25 पद, और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के अनुवाद के लिए “सुवास सेल” में 15 पद स्वीकृत किए गए हैं. जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों के लिए 12 नए पद भी बनाए जाएंगे.
मद्यनिषेध और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो का गठन
मादक पदार्थों और शराब से संबंधित अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए कैबिनेट ने “मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो” के गठन को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तर्ज पर बनने वाले इस ब्यूरो के लिए 88 पद सृजित होंगे. यह कदम बिहार में मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकने में प्रभावी होगा. गृह रक्षकों और कर्मचारियों के लिए बढ़ा भत्ता
बिहार गृह रक्षा वाहिनी के गृह रक्षकों का दैनिक भत्ता 774 रुपये से बढ़ाकर 1121 रुपये कर दिया गया है, जो पुलिसकर्मियों के एक दिन के वेतन के बराबर है. इसके अलावा, ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय 6000 रुपये से बढ़ाकर 9000 रुपये किया गया है, जो 1 जुलाई 2025 से लागू होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत ग्रामीण आवास सहायकों, पर्यवेक्षकों और लेखापालों के मानदेय में भी 10-25% की वृद्धि की गई है.
इंटर्न डॉक्टरों को मिलेगी बढ़ी छात्रवृत्ति
राज्य के मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी कॉलेजों के इंटर्न्स की छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी को मंजूरी मिली है. अब इंटर्न्स को 20 हजार के बजाय 27 हजार रुपये और फिजियोथेरेपी व एक्यूप्रेशर इंटर्न्स को 15 हजार के बजाय 20 हजार रुपये मिलेंगे. तकनीकी सहायकों का मानदेय 27 हजार से बढ़कर 40 हजार और लेखापाल सह आईटी सहायकों का 20 हजार से 30 हजार रुपये हो गया है.
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