पटना: बिहार की राजधानी पटना में लंबे इंतजार के बाद मेट्रो रेल का सपना साकार होने की कगार पर है. 3 सितंबर 2025 से पटना मेट्रो का ट्रायल रन शुरू हो रहा है, जो एक सप्ताह तक चलेगा. यह परीक्षण बैरिया बस टर्मिनल के पास स्थित मेट्रो डिपो में 800 मीटर लंबे ट्रैक पर किया जाएगा. डिपो में चार 30 एमवीए पावर ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से दो 132 केवी ट्रांसमिशन लाइन को 33 केवी में बदलकर स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर और अन्य विद्युत उपकरणों को ऊर्जा प्रदान करेंगे. यह विकास न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि आर्थिक उन्नति को भी गति देगा.
पटना मेट्रो का प्रस्तावित रूट
पटना मेट्रो का पहला चरण रेड लाइन के रूप में जाना जाएगा. यह न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल को जीरो माइल, भूतनाथ, खेमनीचक और मलाही पकड़ी से जोड़ेगा. कुल 6.5 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में पांच स्टेशन होंगे, जो प्रायोरिटी कॉरिडोर के तहत विकसित किए जा रहे हैं. संचालन सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक प्रस्तावित है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है. इस रूट से पटना के व्यस्त इलाकों में यात्रा आसान और तेज हो जाएगी.
मेट्रो कोचों की क्षमता और विस्तार योजना
शुरुआती दौर में प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में तीन वातानुकूलित कोच होंगे, जिनकी कुल क्षमता लगभग 150 यात्रियों की होगी. प्रत्येक कोच में एसी, सीसीटीवी, वाई-फाई और मोबाइल चार्जिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. भविष्य में विस्तार के तहत कोचों की संख्या आठ तक बढ़ाने की योजना है, जिससे यात्री क्षमता में भारी वृद्धि होगी. यह डिजाइन यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देता है.
किराया संरचना और टिकट व्यवस्था
पटना मेट्रो का न्यूनतम किराया 15 रुपये से शुरू होने की संभावना है, जबकि अधिकतम 30 से 60 रुपये तक हो सकता है. अनुमानित दरें 3-6 किमी के लिए 30 रुपये और 6-8 किमी के लिए 45 रुपये हैं. यात्री पांच स्टेशनों पर लगाई जाने वाली स्वचालित वेंडिंग मशीनों से टिकट खरीद सकेंगे, जिनकी लागत 2.89 करोड़ रुपये है. ये मशीनें नकद, क्यूआर कोड, क्रेडिट-डेबिट कार्ड और अन्य डिजिटल भुगतान विकल्प स्वीकार करेंगी, जिससे टिकट खरीदना सुगम होगा. आधिकारिक घोषणा अभी लंबित है.
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