अक्सर ठगी की सुनसान कहानियां मामूली राशि की होती हैं, लेकिन मध्य प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इस बार एक ऐसी साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है जिन्होंने सिर्फ 2283 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी की. यह मामला MP समेत देशभर के सात राज्यों तक फैला एक जालसाज़ गिरोह का है, जिसे STF ने दिल्ली से दो मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार कर कई राज खोले हैं.
हाई-फ्लाइट लाइफस्टाइल और विदेशी खातों से ट्रांसफर
जालसाज़ों का सरगना दुबई में बैठा था, जबकि डेटा लुक‑अप और निवेश के झांसे दिल्ली-इंदौर की हाईफ्लाइट लाइफस्टाइल पर आधारित थे. STF की इंदौर यूनिट ने नोट किया कि आरोपियों ने बड़े निवेशकों को हवाइ जहाज़ की यात्रा, लक्ज़री लाइफस्टाइल और विदेशी निवेश रेडी प्रॉफिट की झांसी में रखा. इस पूरे नेटवर्क के सहारे अरबों की रकम उड़ा दी गई. 90 करोड़ रुपये की राशि STF ने सीज़ कर ली, जिसे विदेशी खातों में भेजने की तैयारी चल रही थी.
ठगी की नकली कंपनियां
आरोपियों ने सोशल मीडिया और टेलीग्राम पर कई ग्रुप बनाए—जिसमें नकली कंपनियां Yorker FX व Yorker Capital थीं—जो 7–8% फिक्स रिटर्न का वादा कर निवेशकों को फंसाती थी. रजिस्ट्रेशन के नाम पर 10–18 हजार रुपये लेकर शुरुआत होती, फिर कुछ दिनों तक रिटर्न देकर भरोसा बढ़ाया जाता और अंततः लिंक निष्क्रिय कर दी जाती थी.
नकली निवेश, नकदी रसीद
एक उदाहरण में, इंदौर निवासी ईशान सलूजा ने STF को बताया कि वह यॉर्कर FX में 20 लाख रुपये निवेश कर चुका था. दिल्ली से आई बाइक से घूमने वाली टीम ने नकद राशि चेक रसीद लेकर इकट्ठी की, लेकिन निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं मिला और संपर्क टूट गया.
ग्राफ-आउट देशव्यापी—लाखों लोग हुए शिकार
एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व असम में हजारों लोगों ने यॉर्कर FX और कैपिटल के झांसे में पढ़कर पैसे गवाए. रकम 16 अलग-अलग करंट अकाउंट के माध्यम से Rai Dent Technology Pvt Ltd व Kin Dent Business Solution Pvt Ltd में ट्रांसफर की गई.
कैसे होते थे विदेशी ट्रांसफर?
जालसाज़ बोटब्रो नामक बैंक खातों में राशि भेजते. फिर मेटा-5 में डॉलर के रूप में रिकॉर्ड होने के बाद मुद्रा विनिमय कर विदेशी डीलिंग और ट्रेडिंग खाते में भेजने की व्यवस्था की जाती थी. इस योजना में इंदौर और भोपाल सहित कई अन्य शहरों से जुड़े सहयोगी भी शामिल बताए जा रहे हैं.
MP STF ने पश्चिमी मध्यप्रदेश (इंदौर) में दो आरोपित—46 वर्षीय दीपक शर्मा और 51 वर्षीय मदन मोहन कुमार को दिल्ली से गिरफ्तार किया. दोनों निजी नौकरियों में थे, लेकिन बोलते अंग्रेज़ी, लंबा-सिंथ, और इन्वेस्टमेंट की भाषा में माहिर साबित हुए.
STF SP राजेश सिंह भदौरिया के अनुसार, फिलहाल आरोपियों से रिमांड पर पूछताछ चल रही है. STF और ED मिलकर गिरोह के बचे हिस्सों और विदेशी सरगना को पकड़ने की तैयारियों में लगे हैं. दावा है कि आने वाले दिनों में पूरे गिरोह का नेटवर्क सार्वजनिक किया जाएगा.
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