भीलवाड़ा की बेटी प्रियल गर्ग ने श्रीलंका में लहराया परचम, बॉक्सिंग एशियाई चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल

    भीलवाड़ा की धरती एक बार फिर गर्व से झूम उठी है. इस बार आवाजें कुश्ती की नहीं, बॉक्सिंग रिंग से आई हैं जहां प्रियल गर्ग ने दमदार पंचों से न सिर्फ अपने विरोधियों को चित किया, बल्कि पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.

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    Boxer Priyal Garg News: भीलवाड़ा की धरती एक बार फिर गर्व से झूम उठी है. इस बार आवाजें कुश्ती की नहीं, बॉक्सिंग रिंग से आई हैं जहां प्रियल गर्ग ने दमदार पंचों से न सिर्फ अपने विरोधियों को चित किया, बल्कि पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. श्रीलंका में आयोजित यूथ एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीतने वाली प्रियल, भीलवाड़ा की पहली अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर बन गई हैं.

    80 किलोग्राम कैटेगरी में दमदार प्रदर्शन

    शास्त्री नगर, नीलकंठ कॉलोनी की रहने वाली प्रियल गर्ग ने 80 किलोग्राम भारवर्ग में यह मेडल जीता है. जहां कभी उन्होंने आत्मरक्षा के लिए पंच मारना शुरू किया था, वहीं आज वही पंच उनके देश के सम्मान का प्रतीक बन गए हैं. यह जीत सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि उस हर लड़की की है जो अपने सपनों के लिए रिंग में उतरना चाहती है.

    पिता की दूरदर्शिता, बेटी का समर्पण

    प्रियल के पिता विजय शर्मा ने जब बेटी को पांचवीं कक्षा में खेल की ओर मोड़ा, तब उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि एक दिन वह बेटी देश के लिए पदक जीतकर इतिहास रचेगी. जिम्नास्टिक से शुरुआत, चोट के चलते बदलाव, फिर तैराकी और क्रिकेट जैसे खेलों से होते हुए आखिरकार प्रियल की मंज़िल बॉक्सिंग में मिली. और यही खेल उनकी पहचान बन गया.

    आरवी बॉक्सिंग एकेडमी में पांच साल की कठिन तपस्या

    प्रियल ने कोच राजेश कोली और विजय पारीक के मार्गदर्शन में लगातार पाँच साल तक मेहनत की. वह हर दिन खुद को पहले से बेहतर बनाती रहीं, हर पंच में आत्मविश्वास और हर हार में सीख भरती रहीं. और आज उस समर्पण का नतीजा है यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान.

    फाइनल में दुनिया की चैंपियन से टक्कर

    फाइनल मुकाबला कजाकिस्तान की विश्व चैंपियन जहक्सेल्याक सबिना से था. भले ही प्रियल गोल्ड से चूक गईं, लेकिन उनके हौसले और प्रदर्शन ने दर्शा दिया कि भारत की बेटियां अब किसी से कम नहीं हैं. यह चैंपियनशिप एशिया के 23 देशों के खिलाड़ियों के बीच थी, और उसमें प्रियल का सिल्वर जीतना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.

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