Bharat 24 Conclave Green Energy Summit: भारत 24 के ग्रीन एनर्जी समिट - विकसित भारत कार्यक्रम में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कार्यक्रम में शिरकत की. साथ ही मंत्रालय द्वारा विकास कार्यों को लेकर हाल ही में विशेष बातचीत भी की. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से एक विशेष बातचीत की गई, जिसमें उन्होंने अपने मंत्रालय के द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों, सड़क परिवहन क्षेत्र में आई क्रांतिकारी बदलावों और किसानों के लिए उनकी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया.
प्रश्न: नितिन जी, आपको जब रेगिस्तान मंत्रालय मिला, तो वह एक चुनौतीपूर्ण काम था. इस सफर को आपने कैसे देखा?
नितिन गडकरी ने जवाब देते हुए कहा कि देखिए, जीवन में कोई भी काम चुनौतीपूर्ण होता है. मैं हमेशा कहता हूं कि कुछ लोग समस्याओं को अवसर में बदलते हैं, और कुछ लोग अवसरों को समस्या बना देते हैं. मैंने हमेशा समस्याओं को एक चुनौती की तरह देखा और उन्हें सकारात्मक दृष्टिकोण से हल करने की कोशिश की. जब मैं मंत्री बना था, तो हमारे पास 406 प्रोजेक्ट थे, जिनकी कीमत करीब 3.85 लाख करोड़ रुपये थी. इन प्रोजेक्ट्स में कई बाधाएं थीं, जैसे भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय मंजूरियाँ, बैंक ऋण और अन्य क्लीयरेंस. लेकिन हमने उनमें से 400 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को खत्म किया और बाकी के प्रोजेक्ट्स को सही दिशा में आगे बढ़ाया. आज, रोड सेक्टर में काम की गति तेज हो गई है और गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है.
प्रश्न: आप अल्टरनेटिव फ्यूल्स पर काम कर रहे हैं. इसमें कुछ नया क्या है?
उन्होंने कहा कि हमने पिछले 11 सालों में जैव इथेनॉल, बायोडीजल, एलएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन आधारित फ्यूल्स पर काम किया है. मैंने हाल ही में एक हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ी में यात्रा की, जिसका नाम "मिराई" है, जो जापानी शब्द है और इसका मतलब है 'भविष्य'. ये सभी तकनीकें भारत में एक क्रांति ला सकती हैं. इनसे प्रदूषण कम होगा, पेट्रोल-डीजल की जरूरत कम होगी और देश की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा.
प्रश्न: आपने किसानों के लिए क्या खास योजनाएं बनाई हैं?
मैं किसान हूं और मेरा जीवन मिशन है कि किसानों को सिर्फ अनाज नहीं, बल्कि ऊर्जा, ईंधन और हाइड्रोजन जैसे स्रोतों से भी सशक्त बनाएं. किसानों से इथेनॉल, बायोडीजल और हाइड्रोजन जैसे ईंधन बनने लगे हैं. उदाहरण के तौर पर, पानीपत में परली से हम हवाई ईंधन बना रहे हैं. इससे किसानों को न केवल अधिक आय हो रही है, बल्कि देश को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मदद मिल रही है. मेरा लक्ष्य कृषि क्षेत्र को ऊर्जा और पावर सेक्टर से जोड़कर एक नया रूप देना है.
प्रश्न: कचरे का प्रबंधन और रिसाइक्लिंग पर आपके मंत्रालय ने क्या कदम उठाए हैं?
हमने कचरे को वेल्थ में बदलने की दिशा में कई योजनाएं बनाई हैं. कचरे से हम सीएनजी, इथेनॉल और अन्य ईंधन बना रहे हैं. मथुरा में गंदे पानी से शुद्ध पानी तैयार कर इंडियन ऑयल रिफाइनरी को बेच रहे हैं, जिससे एक तरफ प्रदूषण कम हो रहा है और दूसरी तरफ राजस्व प्राप्त हो रहा है. हमने यह साबित कर दिया है कि कचरा भी एक अमूल्य संसाधन हो सकता है.
प्रश्न: दिल्ली के प्रदूषण को लेकर आपकी राय क्या है?
दिल्ली का प्रदूषण बहुत बड़ा मुद्दा है. मैं खुद दिल्ली में अधिक देर नहीं रुकता, क्योंकि प्रदूषण से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन हमारी सरकार दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है, जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, वैकल्पिक फ्यूल्स का प्रयोग बढ़ाना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार करना. हमें इस मुद्दे को उच्च प्राथमिकता देनी चाहिए और इसे हल करने के लिए जल्द कार्रवाई करनी चाहिए.
प्रश्न: इस दौरान आपकी व्यक्तिगत जीवनशैली में क्या बदलाव आया है?
नितिन गडकरी बोले मैंने अपनी स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है. कोविड से पहले, मैं नियमित नहीं था, लेकिन अब मैं रोज़ 2-3 घंटे एक्सरसाइज करता हूं. मुझे लगता है कि 'हेल्थ इज वेल्थ'. अगर आपकी सेहत ठीक नहीं होगी तो बाकी सारी चीजें बेकार हैं. मैंने बीते 16 वर्षों में 50 किलो वजन घटाया और मुझे खुद में फर्क महसूस होता है. मेरे चेहरे पर भी नयापन आया है.
प्रश्न: प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में आपको कहा था कि 'अब यह देश तुम्हारा है', तो क्या आपको लगता है कि हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं?
बिल्कुल! प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि भारत एक आत्मनिर्भर देश बने और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाए. हम अपने इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ा रहे हैं और हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं. खासकर, सड़क परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में हमने काफी सुधार किया है. अब हम दुनिया के तीसरे नंबर की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बन चुके हैं. आने वाले समय में हम पहले स्थान पर पहुंचने की ओर अग्रसर हैं.
प्रश्न: महाराष्ट्र में भाषाई विवाद के बारे में आपकी राय क्या है?
जवाबः मुझे मराठी होने पर गर्व है, लेकिन मुझे यह लगता है कि हमें अपनी भाषा, संस्कृति और इतिहास का सम्मान करते हुए, दूसरों का भी सम्मान करना चाहिए. मराठी का गर्व तो जरूरी है, लेकिन किसी भी अन्य भाषा के प्रति द्वेष भावना रखना गलत है. यह महाराष्ट्र के गौरव और सम्मान के खिलाफ है. नितिन गडकरी ने अपनी योजनाओं और कार्यों के बारे में काफी विस्तार से बताया, जिनसे देश का भविष्य और भी उज्जवल बनेगा. उनकी दृष्टि है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जाए. उनके नेतृत्व में भारत जल्द ही एक आत्मनिर्भर और प्रदूषण-मुक्त राष्ट्र बनेगा.
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