इज़रायल इन दिनों एक प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों में फैली जंगल की भीषण आग ने इज़रायल को राष्ट्रीय संकट के मोड़ पर ला खड़ा किया है. यह हादसा उस समय सामने आया है जब पूरा देश अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था. एक तरफ़ देश में जश्न की तैयारियाँ चल रही थीं, वहीं दूसरी तरफ़ आग की लपटों ने हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया.
नेतन्याहू सरकार ने लगाई इमरजेंसी
तेज़ हवाओं और गर्म मौसम के कारण जंगलों में फैली आग ने देखते ही देखते कई क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले लिया. आग की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी. इसके साथ ही राजधानी येरुशलम और व्यस्त शहर तेल अवीव को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग को बंद कर दिया गया और आस-पास के इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटें इतनी ऊंची हैं कि उन्हें देखकर किसी की भी रूह कांप जाए. कई टेलीविजन चैनलों को अपने प्रसारण अस्थायी रूप से रोकने पड़े क्योंकि उनके स्टूडियो आग के नज़दीक स्थित थे. देश के सबसे लोकप्रिय चैनल, चैनल 12 को अपना स्टूडियो खाली करना पड़ा.
स्वतंत्रता दिवस समारोह हुआ रद्द
आग की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि स्वतंत्रता दिवस के लिए नियोजित समारोह रद्द कर दिए गए. इसकी जगह एक रिकॉर्ड किया गया रिहर्सल प्रसारित किया गया. राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने समारोह के दौरान कहा कि यह जंगल की आग महज एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन का चेतावनी संकेत है जिसे अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.
इज़रायल एयरफोर्स (IAF) के विमानों और दर्जनों अग्निशमन दलों की मदद से आग को काबू में करने की कोशिश जारी है, लेकिन चुनौती काफी भी बड़ी है. खेतों और रिहायशी इलाकों तक आग के फैलने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे नुकसान की आशंका और भी बढ़ गई है.
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