बांग्लादेश की ओर से भारत को एक बड़ा भरोसा दिलाया गया है, जिसने चीन और पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. बांग्लादेश के भारत में उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्लाह ने स्पष्ट किया है कि उनका देश कभी भी भारत के खिलाफ अपनी ज़मीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा. उनका यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब बांग्लादेश की राजनीति में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सत्ता परिवर्तन के बाद क्षेत्रीय समीकरण बदलने की अटकलें तेज़ थीं.
हमीदुल्लाह ने भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को "आस्था, साझी विरासत और पारस्परिक हितों" पर आधारित बताया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी गहराई से जुड़े हुए हैं. बांग्लादेश के इस भरोसे ने यह साफ कर दिया है कि ढाका की विदेश नीति में कोई नाटकीय बदलाव नहीं हो रहा, जैसा कि कुछ विश्लेषक आशंका जता रहे थे.
चीन और पाकिस्तान की रणनीति को झटका
मोहम्मद यूनुस की सरकार बनने के बाद चीन और पाकिस्तान की नजरें बांग्लादेश पर टिकी थीं. चीन ने बांग्लादेश के साथ रिश्तों को गहरा करने की कोशिशें तेज़ की थीं, जबकि पाकिस्तान की उम्मीदें इस बात पर टिकी थीं कि नई सरकार भारत से दूरी बनाएगी. लेकिन हमीदुल्लाह के बयान ने इन दोनों देशों की उम्मीदों पर तगड़ा झटका दे दिया है.
चीन के साथ संबंध केवल आर्थिक: हमीदुल्लाह
बांग्लादेश-चीन संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल पर हमीदुल्लाह ने साफ किया कि यह साझेदारी केवल आर्थिक जरूरतों की पूर्ति के लिए है. उन्होंने कहा, "चीन के साथ हमारे संबंध व्यावसायिक और आयात-आधारित हैं. हमारी सांस्कृतिक और रणनीतिक सोच भारत के कहीं ज्यादा करीब है." उन्होंने यह भी जोड़ा कि बांग्लादेश एक ऐसा देश है जिसे अपनी आर्थिक जरूरतों के आधार पर निर्णय लेने पड़ते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसकी विदेश नीति भारत-विरोधी हो गई है.
अल्पसंख्यकों पर हिंसा को बताया 'अपवाद'
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरों पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ऐसे कुछेक मामले पूरे देश की तस्वीर नहीं पेश कर सकते. "देशभर में 30 हजार से ज़्यादा पूजा पंडाल हैं, और घटनाएं सिर्फ कुछ स्थानों तक सीमित थीं." उनके मुताबिक, बांग्लादेश की सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
यह भी पढ़ें: रूस की परमाणु मिसाइलों की अब कोई सीमा नहीं...अमेरिका यूरोप मिसाइल प्लान पर भड़के पुतिन