Bangladesh Crisis: बांग्लादेश इन दिनों फिर से राजनीतिक तूफान के मुहाने पर खड़ा है. अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को लेकर देश में एक बार फिर सत्ता संघर्ष उभर आया है. राजनीतिक गलियारों से लेकर सड़कों तक हलचल है — और चर्चा इस बात की है कि क्या यूनुस इस्तीफा देंगे या सेना उन्हें हटाएगी?
सेना और अंतरिम नेतृत्व में खुली तनातनी
पिछले कुछ हफ्तों में अंतरिम सरकार और सेना के बीच विवाद का स्वरुप अब सार्वजनिक हो चुका है. 2009 में हुए सेना विद्रोह में दोषी करार दिए गए करीब 300 कैदियों की रिहाई से बवाल मच गया. सेना ने इसे “न्याय के साथ विश्वासघात” बताया, जबकि यह फैसला यूनुस सरकार के नेतृत्व में लिया गया. यह घटना दोनों संस्थाओं के बीच बढ़ते अविश्वास की बड़ी वजह बनी.
विदेशी संबंधों ने चिंगारी को आग में बदला
यूएस डिप्लोमेट ट्रेसी ऐन जैकब्सन से यूनुस के सैन्य सलाहकार जनरल कमरुल हसन की गुप्त मुलाकात ने सेना की बेचैनी को और बढ़ा दिया है. सेना का शक है कि जनरल ज़मान को हटाने की कोई बाहरी साजिश रची जा रही है, जो देश की संप्रभुता पर सीधा हमला है. यह स्थिति कुछ वैसी ही है, जैसी पूर्व पीएम शेख हसीना ने सेंट मार्टिन द्वीप मामले में जताई थी.
जनरल ज़मान: विवादित लेकिन ताकतवर
23 जून 2024 को बांग्लादेश के सेना प्रमुख बने जनरल वाकर-उज़-ज़मान की नियुक्ति से ही विवाद शुरू हो गया था. भारत की खुफिया एजेंसियों ने स्वास्थ्य और राजनीतिक झुकाव को लेकर पहले ही आशंका जताई थी. बावजूद इसके, शेख हसीना ने पारिवारिक संबंधों के चलते उन्हें समर्थन दिया. अब वही ज़मान, देश में एक नए राष्ट्रवादी प्रतीक बनते नजर आ रहे हैं.
क्या यूनुस देने वाले हैं इस्तीफा?
सूत्रों के मुताबिक, यूनुस ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में इस्तीफ़ा देने की इच्छा जाहिर की है. यदि ऐसा होता है, तो नाहिद इस्लाम, जो 'नेशनल सिटीजन पार्टी' के संयोजक हैं, उन्हें अगला अंतरिम प्रमुख बनाया जा सकता है. हालांकि कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि अगर यूनुस पर देशविरोधी साजिश या सुरक्षा उल्लंघन के पुख्ता सबूत सामने आए, तो उन्हें गिरफ़्तार भी किया जा सकता है.
जनता की नाराजगी और सड़कों पर उबाल
देश के कई हिस्सों में लोग आरक्षण, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही आवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी तेज़ हो रही है. इस असंतोष के बीच जनरल ज़मान को युवाओं और राष्ट्रवादी वर्ग का समर्थन मिल रहा है.
क्या बांग्लादेश फिर देखने जा रहा है सत्ता का बदलाव?
हालात जिस तेजी से बदल रहे हैं, उसे देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं कि बांग्लादेश एक और सत्ता परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है. चाहे यूनुस खुद हटें या उन्हें हटाया जाए, ज़मान की भूमिका अब महज सेना प्रमुख की नहीं, बल्कि सत्ता संतुलन तय करने वाले अहम किरदार की हो चुकी है.
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