दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन एक साल के लिए बढ़ा, SC ने कहा- हर कोई एयर प्यूरीफायर नहीं लगा सकता

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध को एक साल के लिए बढ़ा दिया. यह फैसला देश की राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए लिया गया है.

Ban on firecrackers in Delhi-NCR extended for one year SC said- not everyone can install air purifiers
सुप्रीम कोर्ट/Photo- ANI

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध को एक साल के लिए बढ़ा दिया. यह फैसला देश की राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए लिया गया है.

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि लंबे समय से वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर बनी हुई है और सड़कों पर काम करने वाले लोग इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. अदालत ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने में सक्षम नहीं होता, इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाना आवश्यक है.

ग्रीन पटाखों पर पुनर्विचार संभव नहीं

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक यह प्रमाणित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से प्रदूषण नगण्य होता है, तब तक प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने की संभावना नहीं है. अदालत ने 12 दिसंबर 2024 को अपने पिछले आदेश की पुष्टि की थी, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया था. यह निर्णय पर्यावरणविद एमसी मेहता द्वारा 1985 में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान लिया गया.

इंजीनियर की दलील पर कोर्ट की सख्त प्रतिक्रिया

सुनवाई के दौरान, एक इंजीनियर मुकेश सिंह ने निजी रूप से कोर्ट में पेश होकर पटाखों पर प्रतिबंध को अनुचित बताया और दावा किया कि पटाखे पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं. उन्होंने इसे एक अंतरराष्ट्रीय साजिश करार दिया.

इस पर जस्टिस ओका ने उनसे उनकी विशेषज्ञता के बारे में पूछा. जब उन्होंने खुद को IIT से पढ़ा हुआ बताया, तो उन्होंने याचिकाकर्ता एमसी मेहता पर भी गंभीर आरोप लगाए. कोर्ट ने इन दावों को सख्ती से खारिज किया और सिंह को चेतावनी देकर छोड़ दिया, यह कहते हुए कि एमसी मेहता पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति हैं.

सरकार की निष्क्रियता पर कोर्ट की नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश और हरियाणा को NCR क्षेत्रों में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे. जब उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि उन्होंने सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है, तो कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध स्थायी रूप से लागू रहना चाहिए, न कि केवल अस्थायी रूप से.

वायु गुणवत्ता सूचकांक और GRAP

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की निगरानी और नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया जाता है. यह चार स्तरों में विभाजित है:

स्टेज I: AQI 201 से 300 (मध्यम प्रदूषण)

स्टेज II: AQI 301 से 400 (खराब वायु गुणवत्ता)

स्टेज III: AQI 401 से 450 (बहुत खराब वायु गुणवत्ता)

स्टेज IV: AQI 450 से ऊपर (गंभीर आपातकालीन स्थिति)

सरकार GRAP के अनुसार विभिन्न स्तरों पर प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू करती है.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक मजबूत संकेत दिया गया है, जिससे जनता को बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

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