साल 1984 के बाद आज फिर भारत का नाम अंतरिक्ष में गूंजेगा. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने जा रहे हैं. यह मिशन न केवल भारत के लिए गर्व का विषय है, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण भी है. क्योंकि राकेश शर्मा के बाद यह भारत के किसी अंतरिक्ष यात्री की पहली अंतरिक्ष यात्रा होगी.
एक्सिओम मिशन 4: कब और कहां से होगी लॉन्चिंग?
25 जून, बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. इस प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन का नेतृत्व कर रही हैं अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, जो पहले भी नासा के साथ तीन बार अंतरिक्ष जा चुकी हैं. मिशन में भारत के शुभांशु शुक्ला के अलावा हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्निव्स्की भी शामिल हैं.
क्या-क्या ले जा रहे हैं शुक्ला अंतरिक्ष में?
शुभांशु शुक्ला सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों और मिशन लक्ष्य के साथ ही नहीं, बल्कि भारतीय भावनाओं और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरिक्ष यात्रा पर निकल रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे अपने साथ कुछ बेहद खास चीजें भी ले जा रहे हैं. गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा – भारतीय स्वाद की याद दिलाने के लिए. आम का रस – ट्रॉपिकल टेस्ट के लिए. अरबों भारतीयों के सपनों और शुभकामनाओं का प्रतीकात्मक बोझ. शुक्ला ने कहा, “यह सिर्फ एक मिशन नहीं है, मैं अपने साथ देश की उम्मीदें और संस्कृति भी लेकर जा रहा हूं.”
मिशन का सबसे नन्हा सदस्य: जॉय
इस मिशन की एक और खास बात है शुक्ला का साथ निभाने वाला एक सॉफ्ट टॉय हंस, जिसका नाम है जॉय. शुक्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे "Ax-4 का पांचवां क्रू मेंबर" बताया. यह हंस लॉन्च के तुरंत बाद माइक्रोग्रैविटी की पुष्टि के लिए एक इंडिकेटर के रूप में भी काम करेगा. हंस को चुने जाने के पीछे गहरी सांस्कृतिक सोच है: भारत में, हंस को देवी सरस्वती की सवारी और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. पोलैंड में, यह पवित्रता और वफादारी का प्रतीक है. हंगरी में, यह सुंदरता और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है. कमांडर व्हिटसन ने भी इस चयन को ‘सांस्कृतिक पुल’ बताया जो तीनों देशों को जोड़ता है.
क्यों है यह मिशन भारत के लिए खास?
1984 में राकेश शर्मा के ‘सारे जहां से अच्छा’ कहने के बाद, यह पहली बार है जब भारत का कोई नागरिक दोबारा स्पेस में जा रहा है. शुभांशु शुक्ला न केवल वैज्ञानिक प्रयोगों पर काम करेंगे, बल्कि भारत के सात प्रमुख वैज्ञानिक अध्ययनों को भी अंजाम देंगे. यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में नई उम्मीदों और नई ऊंचाइयों की ओर एक कदम है. और इस बार, साथ होंगे – हलवा, हंस और हिंदुस्तान.
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