आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और लैपटॉप हमारे जरूरी साथी बन गए हैं. हर वक्त इन गैजेट्स का चार्ज रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. खासकर जब हम बाहर यात्रा कर रहे हों, तब पब्लिक प्लेस जैसे रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मॉल या कैफे में चार्जिंग प्वाइंट्स का इस्तेमाल करना आम बात हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सार्वजनिक चार्जिंग पोर्ट्स से फोन चार्ज करना आपके लिए खतरे का सबब भी बन सकता है? जी हां, इन चार्जिंग केबल्स के जरिए हैकर्स आपके निजी डेटा तक आसानी से पहुंच सकते हैं. आइए जानें इस खतरे और उससे बचने के उपाय.
पब्लिक चार्जिंग केबल्स में छुपा है खतरा
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जो चार्जिंग केबल्स मिलती हैं, वे सामान्य चार्जिंग केबल्स जैसी दिखती हैं. लोग बिना किसी संदेह के इन्हें इस्तेमाल कर लेते हैं, क्योंकि फोन चार्ज होना शुरू हो जाता है. लेकिन इन केबल्स में खास चिप लगी होती है, जिसे OMG केबल कहा जाता है. इस चिप की मदद से हैकर्स आपके डिवाइस से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां चुरा सकते हैं. ये केबल्स न सिर्फ आपका फोन चार्ज करती हैं, बल्कि आपके फोन को हैक करने के लिए एक रिमोट कनेक्शन भी बनाती हैं.
कैसे चोरी होता है आपका डेटा?
लोकप्रिय यूट्यूबर Rajivmakhni ने इस खतरे के बारे में जागरूक किया है. उन्होंने बताया कि जब आप पब्लिक चार्जिंग केबल को अपने फोन या लैपटॉप से कनेक्ट करते हैं, तो डिवाइस चार्ज होने के साथ-साथ हैकर्स को आपके फोन का पूरा नियंत्रण मिल जाता है. आपके बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, लॉगिन आईडी, फोटो, वीडियो, OTP और अन्य निजी जानकारी हैकर्स के हाथ लग सकती है. इसके अलावा, केबल लगाते ही एक स्पेशल रिमोट वाई-फाई सिग्नल एक्टिवेट हो जाता है, जिससे हैकर्स दुनिया के किसी भी कोने से आपके फोन को कंट्रोल कर सकते हैं. सबसे खतरनाक बात यह है कि आपको इसका कोई संकेत भी नहीं मिलता और फोन सामान्य रूप से चार्ज होता रहता है.
सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
अपने चार्जर और केबल साथ रखें: हमेशा अपने साथ अपना पर्सनल चार्जर और केबल रखें ताकि पब्लिक चार्जिंग केबल का इस्तेमाल न करना पड़े.
पब्लिक चार्जिंग से बचें: सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध चार्जिंग केबल या पावर बैंक का उपयोग न करें.
डिवाइस लॉक करें: फोन या लैपटॉप को चार्ज करते समय हमेशा लॉक रखें ताकि हैकर्स का एक्सेस कम से कम हो.
USB डेटा ट्रांसफर डिसेबल करें: जब भी सार्वजनिक पोर्ट से चार्ज करें तो USB डेटा ट्रांसफर विकल्प को बंद रखें.
फोन ऑफ करके चार्ज करें: अगर संभव हो तो डिवाइस को बंद कर चार्ज करें, जिससे हैकिंग का खतरा कम हो जाता है.
CERT-In ने भी दी थी चेतावनी
भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने पहले भी पब्लिक USB चार्जर स्कैम के बारे में आगाह किया है. उन्होंने बताया कि ऐसे स्कैम से फोन में मैलवेयर या स्पाइवेयर इंस्टॉल हो सकते हैं जो आपके डाटा की चोरी कर सकते हैं. CERT-In ने सलाह दी है कि डिवाइस चार्ज करने के लिए घर या ऑफिस के इलेक्ट्रिक सॉकेट का उपयोग करें और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन से बचें.
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