GST में सुधार से ऑटो सेक्टर को होगा बड़ा फायदा, जानें कैसे और कितना बदल रहा है मार्केट?

    भारत सरकार ने हाल ही में एक बड़े टैक्स सुधार की घोषणा की है, जिसे GST 2.0 का नाम दिया गया है. यह कदम खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.

    Auto sector will benefit greatly from the reform in GST
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    GST 2.0: भारत सरकार ने हाल ही में एक बड़े टैक्स सुधार की घोषणा की है, जिसे GST 2.0 का नाम दिया गया है. यह कदम खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. नए GST ढांचे के तहत अब दोपहिया वाहन, छोटी कारें, ट्रैक्टर, बसें और अन्य वाणिज्यिक गाड़ियां पहले से काफी कम टैक्स दरों पर आएंगी.

    सरकार का मानना है कि इस बदलाव से न केवल वाहन उद्योग को नई रफ्तार मिलेगी, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भी बड़ा असर दिखेगा.

    क्या है GST 2.0 और क्यों है ये खास?

    GST 2.0 को सरकार ने "नेक्स्ट-जेन टैक्स रिफॉर्म" बताया है. अभी तक GST सिस्टम में चार मुख्य टैक्स स्लैब होते थे- 5%, 12%, 18% और 28%. लेकिन GST काउंसिल की 56वीं बैठक में इस ढांचे को सरल बनाते हुए दो मुख्य स्लैब में बदल दिया गया है:

    • 5% (Lower rate)
    • 18% (Standard rate)

    साथ ही, लक्ज़री आइटम्स और ‘सिन गुड्स’ (जैसे तंबाकू, शराब आदि) पर 40% तक टैक्स लागू होगा.

    यह नया टैक्स सिस्टम 22 सितंबर 2025 से लागू होगा, जो कि नवरात्रि की शुरुआत का भी दिन है, एक शुभ समय जिसे व्यापार और निवेश के लिहाज से बेहद सकारात्मक माना जाता है.

    वाहन होंगे 10% तक सस्ते

    GST 2.0 के तहत जिन श्रेणियों में टैक्स में कटौती की गई है, उनमें विशेष रूप से दोपहिया वाहन (बाइक, स्कूटर), एंट्री-लेवल कारें, ट्रैक्टर, बसें और लाइट कमर्शियल व्हीकल्स शामिल हैं.

    इससे इन गाड़ियों की कीमतों में 8 से 10% तक की गिरावट देखने को मिलेगी. इसके फायदे इस प्रकार हैं:

    • आम ग्राहकों के लिए गाड़ियां खरीदना होगा आसान
    • किश्तों पर खरीदारी बढ़ेगी, जिससे फाइनेंस और लोन देने वाली कंपनियों को भी फायदा
    • खासकर ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर और कमर्शियल गाड़ियों की डिमांड में तेज उछाल
    • युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे

    ऑटो इंडस्ट्री को मिलेगी नई जान

    GST 2.0 का असर सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग तक सीमित नहीं रहेगा. यह फैसला पूरी ऑटो इकोसिस्टम को मजबूती देगा, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग, स्पेयर पार्ट्स, सेल्स, सर्विस, फाइनेंसिंग, लॉजिस्टिक्स और रीसायक्लिंग जैसे सेक्टर शामिल हैं.

    विशेषज्ञों के मुताबिक, यह नया टैक्स ढांचा सीधे तौर पर 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों को प्रभावित करेगा. निम्न क्षेत्रों में विशेष लाभ होगा:

    • माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) जैसे टायर, बैटरी, स्टील और प्लास्टिक उद्योग को बूस्ट
    • ड्राइवर, मैकेनिक, गिग वर्कर्स और डिलीवरी एजेंट्स जैसे वर्गों के लिए नई रोजगार संभावनाएं
    • वाहन डीलरशिप, इंश्योरेंस एजेंट्स, फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर्स को नए ग्राहक मिलेंगे

    आएंगे ईको-फ्रेंडली और इलेक्ट्रिक वाहन

    GST दरों में बदलाव से ग्राहक अब ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) की ओर आकर्षित होंगे. चूंकि कीमतें कम होंगी, लोग पुराने, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बदलने के लिए तैयार होंगे. इससे न सिर्फ सड़क पर चल रहे वाहनों की हालत सुधरेगी, बल्कि निम्नलिखित लाभ होंगे:

    • वायु प्रदूषण में कमी
    • कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण
    • ईंधन आयात पर निर्भरता घटेगी
    • पब्लिक ट्रांसपोर्ट (बसें आदि) को मिलेगा बूस्ट

    सरकार के "क्लीन मोबिलिटी", "मेक इन इंडिया" और "पीएम गति शक्ति" जैसे अभियानों को इससे मजबूती मिलेगी.

    विनिर्माण और निर्यात को मिलेगा प्रोत्साहन

    कम टैक्स दरों से वाहन निर्माण लागत घटेगी, जिससे भारत में निर्मित गाड़ियों की प्रतिस्पर्धात्मकता वैश्विक बाजार में बढ़ेगी. इससे ‘मेक इन इंडिया’ को नई दिशा मिलेगी और निर्यात में वृद्धि की संभावना है.

    भारत पहले ही इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर प्रोडक्शन में दुनिया के टॉप देशों में शामिल है. GST 2.0 इसे और आगे ले जाने में सहायक होगा.

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