यूरेनियम, एक ऐसी धातु जो दुनिया में दो तरह से काम आती है. एक तरफ यह बिजली बनाने के काम आती है, तो दूसरी तरफ यह वही तत्व है जो एक परमाणु बम में बदल सकता है और पूरे शहर को एक पल में तबाह कर सकता है. आजकल दुनिया की बड़ी शक्तियाँ यूरेनियम को लेकर बहुत सतर्क हैं, क्योंकि यह परमाणु हथियार बनाने के लिए सबसे अहम कच्चा माल है. इरान और इजराइल के बीच हालिया संघर्ष ने इसे फिर से साबित किया, जहां इजराइल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया, क्योंकि उसे डर था कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब है. इस बीच एक ऐसा देश है जो इस धातु के सबसे बड़े भंडार का मालिक होने के बावजूद न तो अपने लिए परमाणु हथियार बनाता है, न ही न्यूक्लियर पावर प्लांट का संचालन करता है. यह देश है ऑस्ट्रेलिया.
ऑस्ट्रेलिया के पास सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार
ऑस्ट्रेलिया के पास 1.68 मिलियन टन यूरेनियम का भंडार है, जो कि दुनिया भर के कुल यूरेनियम का लगभग एक-तिहाई है. इसके बावजूद, इस देश के पास न तो परमाणु ऊर्जा का कोई प्लांट है और न ही परमाणु हथियारों का कोई ढांचा. ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा यूरेनियम उत्पादक देश है, लेकिन इसके बावजूद वह अपनी इस धातु का इस्तेमाल खुद नहीं करता. दरअसल, वह अपनी इस कीमती धातु को दूसरे देशों को बेचता है और उनसे ऊर्जा खरीदता है.
यूरेनियम की खनन के प्रमुख स्थल
ऑस्ट्रेलिया में यूरेनियम की खनन के लिए प्रमुख स्थानों में Olympic Dam, Honeymoon और Beverley-Four Mile शामिल हैं. इनमें से फिलहाल Olympic Dam और Four Mile सक्रिय हैं. 2022 में ऑस्ट्रेलिया ने 4,553 टन यूरेनियम का उत्पादन किया, जो कि दुनिया भर के कुल उत्पादन का 8% है. इसके बावजूद, ऑस्ट्रेलिया अपने विशाल यूरेनियम संसाधनों का उपयोग केवल निर्यात के रूप में करता है, न कि ऊर्जा उत्पादन या रक्षा के लिए.
ऑस्ट्रेलिया का एंटी-न्यूक्लियर मूवमेंट
ऑस्ट्रेलिया का न्यूक्लियर पावर से दूर रहने का एक प्रमुख कारण वहां का एंटी-न्यूक्लियर मूवमेंट है. 1970 के दशक से वहां के नागरिक, पर्यावरणीय समूह और एक्टिविस्ट परमाणु ऊर्जा और परमाणु हथियारों का विरोध करते आए हैं. खासकर जब से 1972 में फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया और 1976-77 में ऑस्ट्रेलिया में यूरेनियम खनन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ. उस समय Movement Against Uranium Mining और Campaign Against Nuclear Energy जैसे संगठन सामने आए.
ऑस्ट्रेलिया की नीति और सार्वजनिक राय
ऑस्ट्रेलिया में आम जनता का मानना है कि परमाणु ऊर्जा और हथियारों के खतरे को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन उन्हें इससे कोई भी समझौता स्वीकार नहीं है. देश पहले से ही कोयले पर अत्यधिक निर्भर है, और लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि परमाणु ऊर्जा से संभावित दुर्घटनाएं या पर्यावरणीय प्रभाव को झेला न पड़े. ऐसे में सरकार ने कई बार यूरेनियम खनन के खिलाफ सख्त नीतियाँ बनाई और इस मुद्दे पर सार्वजनिक राय में कभी भी बड़ा बदलाव नहीं आया.
दुनिया में परमाणु हथियार रखने वाले देश
आज के समय में कई देशों के पास परमाणु हथियार हैं, जिनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया प्रमुख हैं. इन देशों ने अपने-अपने तरीके से यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए किया है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया इस लिस्ट में कहीं नहीं है, जबकि उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार है.
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