हाईवे पर पलट गया दूध से भरा टैंकर... लूटने के लिए बर्तन लेकर टूट पड़े लोग, देखें VIDEO

    यह घटना शनिवार देर रात अजीतमल कोतवाली क्षेत्र की है. गुजरात से लखनऊ जा रहा दूध से लदा एक टैंकर नेशनल हाईवे पर बिजली घर के पास एक राहगीर को बचाने की कोशिश में अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गया.

    Auraiya Milk Tanker Overturned people started filling milk in utensils Viral Video
    Image Source: Social Media

    Auraiya News: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक अनोखी और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां नेशनल हाईवे पर दूध से भरा टैंकर पलटने के बाद सड़कों पर दूध बहने लगा. इस दृश्य को देखकर स्थानीय लोग अपने-अपने बर्तन लेकर दौड़ पड़े और देखते ही देखते सड़क दूध की मुफ्त डेयरी बन गई.

    राहगीर को बचाने की कोशिश में हुआ हादसा

    यह घटना शनिवार देर रात अजीतमल कोतवाली क्षेत्र की है. गुजरात से लखनऊ जा रहा दूध से लदा एक टैंकर नेशनल हाईवे पर बिजली घर के पास एक राहगीर को बचाने की कोशिश में अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गया. टैंकर के पलटते ही उसमें भरा दूध बहने लगा. गनीमत रही कि हादसे में चालक को सिर्फ मामूली चोटें आईं.

    पलटे टैंकर से दूध बहा, लोगों ने मचाई लूट

    जैसे ही दूध बहने की खबर आस-पास के इलाकों में फैली, लोग अपने घरों से बर्तन लेकर मौके पर पहुंच गए. कई लोगों ने बाल्टी, डब्बे, बोतलें तक लेकर टैंकर से बहते दूध को भरना शुरू कर दिया. घटना के समय पुलिस भी मौके पर मौजूद थी, लेकिन कोई सख्ती न होने के चलते लोगों ने खुलेआम दूध भरना जारी रखा.

    इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि लोग पुलिस की मौजूदगी में बिना किसी रोकटोक के दूध भरते नजर आ रहे हैं. पुलिसकर्मी हाथों में टॉर्च लिए खड़े नजर आ रहे हैं लेकिन किसी को रोकते नहीं दिख रहे. अब यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

    पुलिस ने क्या सफाई दी?

    इस पूरे मामले पर क्षेत्राधिकारी अजीतमल महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि "दूध टैंकर के पलटने से दूध गड्ढे में बह रहा था, जिसे बर्बाद होने से बचाने के लिए ड्राइवर ने खुद ग्रामीणों को भरने की इजाज़त दी." हालांकि सोशल मीडिया पर लोग पुलिस की भूमिका और भीड़ की हरकतों को लेकर सवाल उठा रहे हैं.

    सोशल मीडिया पर बहस जारी

    यह घटना अब सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय बन गई है. कुछ लोग इसे आम जनता की 'मुफ्तखोरी' बता रहे हैं, तो कुछ इसे जरूरतमंदों द्वारा बर्बादी से बचाया गया संसाधन मान रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इस तरह की घटनाओं में प्रशासन को सक्रिय भूमिका नहीं निभानी चाहिए?

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