कीवः ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने अपनी सैन्य ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने न सिर्फ पाकिस्तान को झकझोर दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हलचल मचा दी. इस पूरे ऑपरेशन में भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ने जो कहर बरपाया, उसने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. सटीक निशाने, ध्वनि से कई गुना तेज़ रफ्तार और भारी विनाश क्षमता ने ब्रह्मोस को एक ‘गेम चेंजर’ हथियार के रूप में स्थापित कर दिया है. खास बात यह है कि इस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है, जिससे रूस के दुश्मनों की चिंता और बढ़ गई है.
पाकिस्तान में तबाही, पश्चिम में बेचैनी
ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने सीमापार आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए. इससे पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. इस कार्रवाई से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि रूस को भी अप्रत्यक्ष रणनीतिक लाभ मिला, क्योंकि यह मिसाइल रूस के पी-800 ओनिक्स का अपग्रेडेड संस्करण मानी जाती है. अब जब यूक्रेन युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, तो पश्चिमी देशों को आशंका है कि रूस भी इसी मिसाइल जैसी घातक तकनीक का उपयोग यूक्रेन में कर सकता है.
यूक्रेन की बढ़ती बेचैनी और हथियारों की मांग
लगातार लड़ाई से जूझ रहा यूक्रेन अपने पश्चिमी सहयोगियों से नए और घातक हथियारों की मांग कर रहा है. उसने जर्मनी से लंबी दूरी तक मार करने वाली ‘टॉरस मिसाइल’ की अपील की है, जो 500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम है. हालांकि, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने अब तक इसे देने की सहमति नहीं दी है. इसके बजाय उन्होंने एक बड़ा और अहम फैसला लेते हुए यूक्रेन को रूस की सीमा के भीतर हमले करने की खुली छूट देने की बात कही है. उनका तर्क है कि अगर कोई देश केवल अपनी सीमा में रहकर लड़ता है, तो वह पूरी ताकत से अपनी रक्षा नहीं कर सकता.
यूक्रेन को मिलीं अन्य मिसाइलें
यूक्रेन पहले से ही अमेरिका की ATACMS और ब्रिटेन-फ्रांस की स्टॉर्म शैडो जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस है. ATACMS लगभग 300 किलोमीटर की दूरी तक मार करती है, जबकि स्टॉर्म शैडो 250 किलोमीटर से अधिक की रेंज रखती है. अब जर्मनी की नीति में बदलाव के बाद ये हथियार रूस के भीतर भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिससे युद्ध और भी घातक मोड़ ले सकता है.
शांति वार्ता की कोशिश में रूस
इस बढ़ती हुई सैन्य गतिविधि के बीच रूस ने एक कूटनीतिक चाल चलते हुए 2 जून को इस्तांबुल में शांति वार्ता की पेशकश की है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश युद्धविराम के लिए तुरंत बातचीत शुरू करने को तैयार है. रूस ने एक मेमोरेंडम तैयार किया है जिसमें युद्ध की जड़ें समाप्त करने का प्लान शामिल है. यह वार्ता रूसी प्रतिनिधि व्लादिमीर मेदिन्स्की की अगुआई में होगी. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा के अनुसार, दोनों पक्ष अपने प्रस्ताव लेकर आएंगे, जिन पर आगामी बैठक में चर्चा होगी.
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