इजराइल और ईरान के बीच तनातनी अब खतरनाक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है. हाल ही में इजराइल द्वारा ईरान के सबसे अहम परमाणु केंद्र नतांज पर किए गए हमले ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. इस कार्रवाई के बाद अब एक अहम सवाल लोगों के मन में उठ रहा है—क्या इस हमले के बाद ईरान या उसके आसपास के इलाकों में न्यूक्लियर रेडिएशन फैलने का खतरा है?
नतांज वही ठिकाना है, जहां ईरान लंबे समय से यूरेनियम संवर्धन कर रहा था और जहां उसके पहले परमाणु हथियार के विकास की तैयारी मानी जा रही थी. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल रेडिएशन का कोई खतरा नहीं है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) का कहना है कि अभी के हालात नियंत्रण में हैं और कोई रेडिएशन लीक नहीं हुआ है.
रेडिएशन कितना खतरनाक हो सकता है?
यूरेनियम एक अत्यधिक संवेदनशील और भारी धातु है, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा और हथियारों के निर्माण में किया जाता है. यदि इसका रेडिएशन वातावरण में फैलता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं—जैसे त्वचा जलना, कैंसर और लंबे समय तक डीएनए पर असर. ज्यादा मात्रा में रेडिएशन से तत्काल मौत भी संभव है.
ईरान के पास था हथियार बनाने का पर्याप्त यूरेनियम
IAEA की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान देशभर में छह अलग-अलग स्थानों पर यूरेनियम का संवर्धन कर रहा था और उसके पास पहले ही करीब 9 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम जमा हो चुका था. नतांज पर हुए हमले से ईरान की परमाणु क्षमता को जरूर झटका लगा है, लेकिन यह खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है.
अब दुनिया की नजरें टिकी हैं ईरान के अगले कदम पर
इजरायली हमले के बाद ईरान की प्रतिक्रिया पर सबकी नजर है. कुछ समय पहले ईरान ने चेतावनी दी थी कि अगर उस पर हमला होता है, तो वह इजराइल के उन ठिकानों को निशाना बनाएगा जहां परमाणु हथियार मौजूद हैं. ईरान ने दावा किया था कि उसे इन ठिकानों की पुख्ता खुफिया जानकारी है.
संभावित खतरों की चिंता
नागासाकी यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल के पास फिलहाल लगभग 90 परमाणु हथियार हैं, जिन्हें सात अलग-अलग शहरों में गुप्त रूप से रखा गया है. अगर ईरान इन स्थानों पर हमला करता है और इनमें से किसी एक में भी विस्फोट होता है, तो पूरे क्षेत्र में रेडिएशन फैलने का गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.
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