अब जानवरों और मधुमक्खियों के हमले माने जाएंगे राज्य आपदा, योगी सरकार देगी मुआवजा

    उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा की परिभाषा में बदलाव करते हुए अब जंगली जानवरों और मधुमक्खियों के हमलों को भी आधिकारिक रूप से आपदा की श्रेणी में शामिल कर लिया है. इसका मतलब यह है कि अब सियार, लोमड़ी या मधुमक्खी के कारण होने वाली जनहानि पर भी राज्य सरकार मुआवजा देगी.

    Attack by wild animals and insects up state disaster govt give compensation
    File Image Source ANI

    UP News: प्राकृतिक आपदाओं के दायरे में अब एक नया विस्तार हुआ है. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा की परिभाषा में बदलाव करते हुए अब जंगली जानवरों और मधुमक्खियों के हमलों को भी आधिकारिक रूप से आपदा की श्रेणी में शामिल कर लिया है. इसका मतलब यह है कि अब सियार, लोमड़ी या मधुमक्खी के कारण होने वाली जनहानि पर भी राज्य सरकार मुआवजा देगी.

    इस फैसले से पहले केवल बिजली गिरना, आंधी-तूफान, सर्पदंश और डूबने जैसी घटनाएं ही आपदा मानी जाती थीं. लेकिन अब ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में अक्सर वन्यजीवों के हमलों का शिकार बनने वाले लोगों को राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.

    एसडीआरएफ की हरी झंडी

    यह निर्णय राज्य आपदा मोचक निधि (एसडीआरएफ) की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में पारित किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने की. राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने के बाद इसे मंजूरी मिली और अब जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.

    मुआवजा प्रक्रिया क्या होगी?

    अगर किसी व्यक्ति की सियार, लोमड़ी या मधुमक्खी के हमले में मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. मुआवजा पाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट होना जरूरी है कि मौत इन हमलों के कारण हुई है. इसके बाद 1070 आपदा राहत हेल्पलाइन या स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय को सूचना देनी होगी. तहसील स्तर से जांच कर 24 से 72 घंटे में मुआवजे की राशि जारी कर दी जाएगी.

    ग्रामीणों के लिए राहत का संदेश

    वन्यजीवों और मधुमक्खियों के हमले, जो अक्सर गांवों और जंगल के आसपास के इलाकों में होते हैं, अब आपदा की श्रेणी में आने से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता मिल सकेगी. यह पहल उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक होगी जो ऐसी अप्रत्याशित घटनाओं का शिकार बनते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम ग्रामीण सुरक्षा और जीवन रक्षा के प्रति उसकी संवेदनशीलता को दर्शाता है और साथ ही प्रभावितों को बेहतर राहत मुहैया कराने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा.

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