Science News: धरती के बाहर जीवन की तलाश वैज्ञानिकों के लिए एक लंबा और चुनौतीपूर्ण सफर रहा है. लाखों वर्षों से वे दूसरे ग्रहों पर पानी और जीवन के संकेतों की खोज में जुटे हैं, और अब उन्हें एक नई सफलता हाथ लगी है. मोरक्को के एक ऑब्जर्वेटरी के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मदद से एक ऐसा ग्रह खोज निकाला है जो धरती के समान है, और यह ग्रह पानी की संभावनाओं से भी भरपूर हो सकता है. यह नया ग्रह TOI-1846 B के नाम से जाना जाता है, और यह धरती से करीब 154 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. आइए जानते हैं इस नई खोज के बारे में.
TOI-1846 B के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
वैज्ञानिकों ने इस ग्रह की खोज के बाद पाया कि यह आकार में धरती से दोगुना बड़ा और चार गुना ज्यादा भारी है. यह एक "सुपर अर्थ" के रूप में कैटेगराइज किया गया है. TOI-1846 B को नासा की TESS सैटेलाइट ने ढूंढा और इस ग्रह की खोज ने पृथ्वी जैसे ग्रहों की तलाश में नई उम्मीदें जगा दी हैं. इसका आकार और वज़न निश्चित रूप से इसे पृथ्वी से अलग बनाता है, लेकिन फिर भी यह पानी और जीवन के लिए संभावनाओं का खजाना हो सकता है.
पानी की संभावना और जीवन के संकेत
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर पानी मौजूद हो सकता है, हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए और अध्ययन की जरूरत है. TOI-1846 B की उम्र लगभग 7.2 अरब साल हो सकती है, और इसे अपने तारे का एक चक्कर पूरा करने में सिर्फ 4 दिन लगते हैं. यह ग्रह सूर्य से लगभग 154 प्रकाश वर्ष दूर है, लेकिन इसके तापमान और अन्य पर्यावरणीय स्थितियों के आधार पर, इस पर पानी की मौजूदगी की संभावना जताई जा रही है.
वैज्ञानिकों ने इस ग्रह की संरचना का अध्ययन करने के लिए रेडियल वेलोसिटी (RV) का उपयोग किया है, जिससे यह पता लगाया जाएगा कि क्या इस ग्रह पर पानी या जीवन की कोई संभावनाएं हो सकती हैं. इसके अलावा, TOI-1846 B की पुष्टि के लिए ग्राउंड बेस्ड कलर फोटोग्राफी, हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है.
HD 20794 d और पानी की उम्मीद
पिछले कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने कई ऐसे "सुपर अर्थ" ग्रहों की खोज की है, जिन पर पानी की संभावना जताई गई है. एक और सुपर अर्थ, HD 20794 d, जिसे 2025 की शुरुआत में खोजा गया था, पृथ्वी से छह गुना अधिक भारी है और यह 20 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. इस ग्रह की सतह पर भी पानी मौजूद हो सकता है, और यह अपने तारे की परिक्रमा उसी तरह करता है जैसे पृथ्वी अपने सूर्य की परिक्रमा करती है.
हालांकि, इस ग्रह का ऑर्बिट गोल नहीं है, और इसकी परिक्रमा पृथ्वी के ऑर्बिट से अलग होती है, जिससे यह कहना मुश्किल है कि इस ग्रह पर जीवन की संभावना हो सकती है या नहीं. फिर भी, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रकार के ग्रहों पर जीवन की तलाश करना निरंतर जारी रहेगा, और भविष्य में इन ग्रहों के बारे में और जानकारी मिल सकती है.
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