अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के टाम्पा शहर में पाकिस्तानी प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर पुराना राग अलापा. उन्होंने कश्मीर को “पाकिस्तान की शिरगुज़” यानी गले की नस बताते हुए दावा किया कि यह मुद्दा भारत का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि एक अधूरा अंतरराष्ट्रीय एजेंडा है. यह बयान उनकी आधिकारिक अमेरिकी यात्रा के दौरान आया, जब वे राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के साथ उच्च स्तरीय बैठकों में भी शामिल हो रहे हैं.
कुछ हफ्ते पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले भी मुनीर ने यही टिप्पणी की थी. तब भारत के विदेश मंत्रालय ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान से इसका एकमात्र संबंध यह है कि वह अपने अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली करे. मंत्रालय ने यह भी सवाल उठाया था कि किसी विदेशी इलाके का किसी अन्य देश की “गले की नस” से क्या संबंध हो सकता है.
कायद-ए-आजम का हवाला और अमेरिकी प्रशंसा
टाम्पा में अपने संबोधन के दौरान मुनीर ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना (कायद-ए-आजम) का उल्लेख करते हुए कहा कि कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान के लिए ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व रखता है. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को टालने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि भारत कई बार साफ कर चुका है कि सैन्य अभियानों पर रोक दोनों देशों की सेनाओं के प्रत्यक्ष संवाद से लगी थी, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से.
आर्थिक सौदे की उम्मीद
मुनीर ने अपने भाषण में यह भी दावा किया कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संभावित व्यापारिक समझौते से बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आकर्षित होगा. उनके मुताबिक, यह दौरा पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों को नए आयाम देगा और वैश्विक मंच पर पाकिस्तान ने हाल के महीनों में कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलताएं हासिल की हैं.
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