इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के खिलाफ उसकी रणनीति ने चीन-पाकिस्तान के गठजोड़ को उजागर किया था, जिसके बाद पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत को लेकर जहर उगला है. इन दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव में अब मुल्ला मुनीर ने भारत के दावों को नकारते हुए उसे "कैंप पॉलिटिक्स" का नाम दिया है.
भारत-पाकिस्तान संघर्ष में चीन का हाथ?
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हाल के सैन्य संघर्ष में भारतीय उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने कहा था कि इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को अपनी सैन्य मदद देकर इसे "सैन्य प्रयोगशाला" जैसा बना दिया. उनका दावा था कि पाकिस्तान को मदद देने में चीन ने अपनी शत्रुता के तहत भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ा था. भारत के इस बयान ने पाकिस्तान को बुरी तरह से झकझोर दिया, और अब पाकिस्तान के फील्ड मार्शल ने इस पर तल्ख टिप्पणियां करनी शुरू कर दी हैं.
"कैंप पॉलिटिक्स का प्रयास"
पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने भारतीय बयान को पूरी तरह नकारते हुए इसे "कैंप पॉलिटिक्स" का प्रयास बताया. उनका कहना था कि भारत द्वारा चीन और पाकिस्तान के बीच की साझेदारी को लेकर उठाए गए सवाल और आरोप केवल राजनीतिक भटकाव को जन्म देते हैं. उनका आरोप था कि भारत खुद को क्षेत्र में एक "सुरक्षा प्रदाता" के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा है, जो उसकी रणनीतिक कमजोरी को छिपाने की एक चाल है.
मुनीर ने क्या दावा किया?
मुनीर ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत अपने घोषित सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने में असफल रहा, जो उसकी रणनीतिक दूरदर्शिता की कमी को दर्शाता है. उनके मुताबिक, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के नाकाम होने के कारण भारत की सैन्य तत्परता और योजना को गंभीर सवालों के घेरे में डालते हैं. इसके साथ ही मुनीर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के ऑपरेशन "बनयान-उम-मर्सोस" में कोई बाहरी मदद नहीं थी, और भारत का यह आरोप पूरी तरह से गलत है.
चीन और पाकिस्तान की साझेदारी
भारत के उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ सिर्फ एक मोहरा था, जबकि चीन पूरी तरह से उसके समर्थन में खड़ा था. उनका यह दावा था कि पाकिस्तान को पूरी तरह से चीन ने मदद दी, जिससे पाकिस्तान के सैन्य संचालन को गति मिली. सिंह ने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ एक साथ तीन देशों से जूझना पड़ा - पाकिस्तान, चीन और तुर्की. यह दावे भारत और पाकिस्तान के बीच की जटिल स्थिति को और भी बढ़ाते हैं.
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