'जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुआ था, तब मोदी...' BLA के बैन होते ही जहर उगलने लगे बिलावल भुट्टो

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूती देने के क्रम में अमेरिका ने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

    As soon as BLA was banned Bilawal Bhutto started threatening India
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    इस्लामाबाद: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूती देने के क्रम में अमेरिका ने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यह निर्णय पाकिस्तान के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है, खासकर तब जब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस फैसले का खुले तौर पर स्वागत किया है, साथ ही इस निर्णय को अपनी सरकार की मेहनत और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सफलता करार दिया है.

    बलूच लिबरेशन आर्मी, जिसे बलूचिस्तान के विद्रोही संगठन के रूप में जाना जाता है, लंबे समय से पाकिस्तान की राज्य सुरक्षा बलों और चीनी निवेश परियोजनाओं पर हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है. बलूचिस्तान के स्थानीय लोगों के साथ-साथ पाकिस्तान सरकार के अनुसार, ये संगठन क्षेत्र में अशांति फैलाने वाले तत्व माने जाते हैं. इस संदर्भ में अमेरिका का यह कदम वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक ठोस संदेश के रूप में देखा जा रहा है.

    बिलावल भुट्टो का बयान: भारत समर्थक संगठन?

    हालांकि, पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने इस अवसर पर बीएलए को भारत समर्थक समूह बताते हुए कहा कि ये संगठन उन नागरिकों को निशाना बनाते हैं जो बलूचिस्तान में काम करने जाते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि बीएलए और मजीद ब्रिगेड ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में भी खुलकर आवाज उठाई है. बिलावल ने इस फैसले को पाकिस्तान के लिए बड़ी सफलता करार दिया, जो आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की स्थिति को मजबूत करेगा.

    भारत पर वित्तपोषण और समर्थन के आरोप

    बिलावल ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया कि बीएलए और मजीद ब्रिगेड को विदेशी, खासकर भारतीय खुफिया एजेंसियों और उनके सहयोगियों द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से इन संगठनों को आतंकवादी घोषित करने की अपील की ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके वित्तपोषण और गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके. यह पहल पाकिस्तान की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है, जो भारत पर लगातार अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाती रही है.

    अमेरिका का पाकिस्तान के अनुरोध पर निर्णय

    यह निर्णय पाकिस्तान के अनुरोध और दबाव के बाद आया है, जिसमें मजीद ब्रिगेड को भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने की मांग शामिल थी. जबकि 2019 में अमेरिकी विदेश विभाग ने बलूच लिबरेशन आर्मी को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया था, तब मजीद ब्रिगेड को इस सूची में शामिल नहीं किया गया था. अब अमेरिका ने अपनी इस सूची का विस्तार किया है, जो पाकिस्तान के लिए एक कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है.

    क्षेत्रीय स्थिरता और कूटनीतिक जटिलताएं

    अमेरिका का यह फैसला दक्षिण एशिया की जटिल सुरक्षा और राजनीतिक परिदृश्य में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है. बलूचिस्तान की स्थिति, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, और अमेरिकी विदेश नीति के संतुलन को ध्यान में रखते हुए यह कदम एक रणनीतिक महत्व रखता है. पाकिस्तान के लिए यह फैसला आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर है, वहीं भारत के लिए भी यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति प्रस्तुत करता है.

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