बॉलीवुड डायरेक्टर और एक्टर अनुराग कश्यप एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार वजह है उनकी अगली फिल्म ‘फुले’ और उससे जुड़ा विवाद. फिल्म, जो भारत के महान समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित है, अपनी रिलीज़ से पहले ही जातिवाद और सेंसरशिप को लेकर बड़े बहस का कारण बन गई है.
ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ टिप्पणी
अनुराग कश्यप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तीखी पोस्ट के जरिए न सिर्फ सेंसर बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, बल्कि ब्राह्मण समुदाय के एक वर्ग की नाराजगी को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा कि यदि इस देश में जातिवाद मौजूद नहीं होता, तो फुले दंपती को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की ज़रूरत ही क्यों पड़ती? उन्होंने यह भी पूछा कि आज जब फिल्म इसी सच्चाई को दिखाना चाहती है, तो उसे लेकर इतना विरोध क्यों हो रहा है.
अनुराग की यह प्रतिक्रिया तब सामने आई जब महाराष्ट्र के कुछ ब्राह्मण समूहों ने फिल्म ‘फुले’ की रिलीज़ को लेकर आपत्ति जताई और सेंसर बोर्ड से इसकी समीक्षा की मांग की. फिल्म की रिलीज़ पहले 11 अप्रैल को तय थी, लेकिन विवादों के चलते अब इसे 25 अप्रैल तक टाल दिया गया है.
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सिस्टम को "धांधली से भरा" करार दिया
अपने पोस्ट में अनुराग कश्यप ने सीबीएफसी (Central Board of Film Certification) की प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने लिखा कि सेंसर बोर्ड में जब सिर्फ चार मेंबर होते हैं, तो बाहरी संगठनों और समुदायों तक फिल्में कैसे पहुंच जाती हैं? उन्होंने पूरे सिस्टम को "धांधली से भरा" करार दिया और कहा कि यह पारदर्शिता से कोसों दूर है.
कश्यप ने यह भी गुस्से में कहा कि जिन फिल्मों में समाज की असहज सच्चाई को दिखाने की कोशिश की जाती है, उन्हें अक्सर सेंसरशिप का सामना करना पड़ता है. उन्होंने पंजाब 95, तीस और धड़क 2 जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये फिल्में आज तक रिलीज नहीं हो पाईं क्योंकि वे किसी न किसी संवेदनशील मुद्दे को छूती हैं.
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'ब्राह्मण पे मैं मूतूंगा, कोई प्रॉब्लम'
उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत से जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया है, और इसी आधार पर धड़क 2 जैसी फिल्म को पास नहीं किया गया. अनुराग ने तीखे लहजे में पूछा कि अगर जाति व्यवस्था वाकई खत्म हो चुकी है, तो लोग ब्राह्मण होने का दावा कैसे कर सकते हैं? और फिर उन्हें ‘फुले’ जैसी फिल्मों से परेशानी क्यों है?
इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. कुछ यूजर्स ने अनुराग का समर्थन किया, तो वहीं कुछ ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. एक कमेंट पर जब एक यूजर ने ब्राह्मण समुदाय के समर्थन में तीखा जवाब दिया, तो अनुराग ने भी उसका जवाब बेहद भड़काऊ अंदाज़ में देते हुए कहा कि ब्राह्मण पे मैं मूतूंगा, कोई प्रॉब्लम. इससे विवाद और बढ़ गया.
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