पुंछ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में अपनी दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जांबाज़ जवानों की दिल खोलकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को ऐसा करारा जवाब दिया है, जिससे वह वर्षों तक उबर नहीं पाएगा. खास बात यह रही कि शाह ने यह बात उस वक्त कही जब वह खुद सीमा पर तैनात जवानों से मिलने पहुंचे, वो भी खराब मौसम की चेतावनी के बावजूद.
पाकिस्तान की 118 से ज्यादा चौकियां तबाह
अमित शाह ने जानकारी देते हुए कहा, "पाकिस्तान ने जब हमारे नागरिक इलाकों पर हमला किया, तो हमारी पहली रक्षा पंक्ति यानी बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई में 118 से ज्यादा पाकिस्तानी चौकियों को नेस्तनाबूद कर दिया. यह सिर्फ जवाब नहीं था, बल्कि एक कड़ा संदेश था कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा."
उन्होंने आगे जोड़ा कि बीएसएफ ने दुश्मन के निगरानी तंत्र (Surveillance Network) को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया, जिसे दोबारा खड़ा करने में पाकिस्तान को कम से कम 4 से 5 साल लगेंगे.
बीएसएफ ने मौके पर कर दिखाया कमाल
गृह मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की बारीकियों पर भी बात की और बताया कि बीएसएफ की खुफिया इकाइयों ने पहले से ही संभावित हमलों को लेकर रणनीति तैयार कर रखी थी. जैसे ही पाकिस्तान ने हमला किया, उसी क्षण भारत की जवाबी रणनीति मैदान में उतार दी गई.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में BSF के वीर जवानों से संवाद कर रहा हूँ। https://t.co/SqDkpjpC2T
— Amit Shah (@AmitShah) May 30, 2025
"इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे जवानों ने शांति के समय भी सतर्कता बरतते हुए रणनीतिक तैयारी कर रखी थी. इसका ही नतीजा है कि पाकिस्तान को अब अपनी हरकतों की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है." – अमित शाह
बीएसएफ भारत की असली पहली सुरक्षा पंक्ति
अमित शाह ने कहा कि चाहे रेगिस्तान हो या बर्फीले पहाड़, जंगल हो या पथरीली सीमा रेखा, बीएसएफ के जवान हर मोर्चे पर पूरी मुस्तैदी से डटे रहते हैं.
"जब भी भारत की सीमाओं पर प्रत्यक्ष या परोक्ष हमला होता है, सबसे पहले हमारी बीएसएफ के जवान उसका सामना करते हैं. और वो कभी नहीं सोचते कि सीमा कहां खत्म होती है, उनका कर्तव्य कहां तक फैला है — उनके लिए देश की रक्षा ही सर्वोपरि है." – शाह
मौसम ने रोका, लेकिन इरादों ने रास्ता बनाया
अमित शाह ने यह भी साझा किया कि पुंछ दौरे से पहले उन्हें बताया गया कि मौसम खराब है और हेलिकॉप्टर उड़ान संभव नहीं है. बावजूद इसके, उन्होंने सड़क मार्ग से जवानों तक पहुंचने का निर्णय लिया.
"मुझे बताया गया था कि मौसम ठीक नहीं है, लेकिन मेरा मन नहीं माना. मैं हर हाल में जवानों से मिलना चाहता था. सड़क से ही सही, मैं पहुंचा और यह मेरे जीवन के सबसे गर्वपूर्ण क्षणों में से एक रहा." – अमित शाह
स्थानीय नागरिकों से मिले अमित शाह
अपने दौरे के दौरान गृह मंत्री ने पुंछ के गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों और आम नागरिकों से मुलाकात की, जो हाल ही में पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है.
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