अमेरिका की HAWK XXI प्रणाली नहीं, अब ये देश भारत से खरीदेगा Akash-1S मिसाइल! जानें इसकी खासियत

    Philippines India Defense Deal: फिलिपींस ने भारतीय रक्षा उद्योग से एक नई मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू कर दी है. यह कदम फिलिपींस एयरफोर्स की पुरानी मिसाइल प्रणाली को बदलने के लिए उठाया गया है, जो 1990 के दशक में अमेरिका से खरीदी गई थी और अब आधुनिक लड़ाकू विमानों तथा क्रूज मिसाइलों का सामना करने में अप्रभावी साबित हो रही है.

    America HAWK XXI system Philippines will buy Akash-1S missile from India Know its specialty
    Image Source: ANI/ File

    Philippines India Defense Deal: फिलिपींस ने भारतीय रक्षा उद्योग से एक नई मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू कर दी है. यह कदम फिलिपींस एयरफोर्स की पुरानी मिसाइल प्रणाली को बदलने के लिए उठाया गया है, जो 1990 के दशक में अमेरिका से खरीदी गई थी और अब आधुनिक लड़ाकू विमानों तथा क्रूज मिसाइलों का सामना करने में अप्रभावी साबित हो रही है.

    वर्तमान में फिलिपींस एयरफोर्स क्लार्क एयर बेस पर HAWK XXI प्रणाली का इस्तेमाल कर रही है. हालांकि यह सिस्टम अपग्रेडेड वर्जन है, लेकिन अब यह तकनीकी रूप से पुराना हो चुका है. इस प्रणाली की रेंज लड़ाकू विमानों के लिए लगभग 40-45 किलोमीटर और क्रूज मिसाइलों के लिए 20-25 किलोमीटर है. 

    इसके अलावा, इस तकनीक के लिए आवश्यक स्पेयर पार्ट्स प्राप्त करना भी कठिन हो रहा है, जिससे सिस्टम के रखरखाव और संचालन में लगातार दिक्कतें आ रही हैं. इस स्थिति ने फिलिपींस को एक आधुनिक, मोबाइल और अधिक सक्षम सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली की जरूरत महसूस करवाई.

    भारत का Akash-1S प्रस्ताव

    भारत ने फिलिपींस की जरूरतों के अनुसार Akash-1S मिसाइल प्रणाली की पेशकश की है. यह प्रणाली भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा विकसित की गई है और भारतीय सेना तथा वायुसेना में पहले से इस्तेमाल की जा रही है.

    Akash-1S की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

    • लड़ाकू विमानों को लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर और क्रूज मिसाइलों को 30 किलोमीटर तक मार गिराने की क्षमता.
    • यह मोबाइल प्रणाली है, जिसे 8×8 भारी सैन्य वाहनों पर तैनात किया जा सकता है.
    • एक बैटरी यूनिट में चार मोबाइल लॉन्चर शामिल हैं, और प्रत्येक लॉन्चर में आठ मिसाइलें तैयार रहती हैं.
    • एक कमांड पोस्ट और 3D रडार सिस्टम है, जो लक्ष्यों का पता लगाने और उनका ट्रैक रखने में सक्षम है.
    • इस प्रकार यह प्रणाली तेज़ी से तैनात की जा सकती है और कठिन मौसम तथा संवेदनशील क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकती है.

    फिलिपींस के लिए रणनीतिक महत्व

    इस प्रणाली को फिलिपींस के लिए विशेष रूप से समुद्री और हवाई सुरक्षा बढ़ाने के लिए उपयोगी माना जा रहा है. फिलिपींस-चीन के बीच बढ़ते समुद्री तनाव और दक्षिण चीन सागर में सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए Akash-1S सिस्टम सबिक बे, क्लार्क एयर बेस और पलवान जैसे रणनीतिक क्षेत्रों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकता है.

    लंबी रेंज वाली मिसाइल की आवश्यकता

    फिलिपींस की शुरुआती जरूरत 50 से 80 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल प्रणाली की थी. भारत इस समय Akash-NG पर काम कर रहा है, जो लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम होगी, लेकिन यह अभी परीक्षण चरण में है और निर्यात के लिए मंजूर नहीं है. इसी वजह से फिलहाल Akash-1S ही उनके लिए सबसे व्यवहारिक विकल्प है.

    इस प्रस्ताव में भारत की अन्य मिसाइल प्रणाली, जैसे QRSAM या MRSAM-ER, शामिल नहीं की गई हैं. QRSAM की रेंज कम है और MRSAM-ER में संवेदनशील तकनीक है, इसलिए उसका निर्यात फिलहाल संभव नहीं है.

    संभावित डील और महत्व

    ओपन-सोर्स रिपोर्टों के अनुसार, यदि यह सौदा तय होता है, तो इसकी कुल कीमत लगभग 200 मिलियन डॉलर हो सकती है. यह सौदा भारत और फिलिपींस के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा. भारत और फिलिपींस के बीच पहले भी ब्रह्मोस मिसाइल डील हुआ था, और यह नया प्रस्ताव दो देशों के रणनीतिक और तकनीकी साझेदारी को और आगे बढ़ाएगा.

    विशेषज्ञों के अनुसार, इस सौदे से भारत की रक्षा निर्यात क्षमता बढ़ेगी और दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत के सुरक्षा सहयोग का प्रभाव भी मजबूत होगा. इसके साथ ही फिलिपींस को अपने पुराने अमेरिकी मिसाइल सिस्टम को बदलने का अवसर मिलेगा और उसकी हवाई सुरक्षा को आधुनिक तकनीक से सुदृढ़ किया जा सकेगा.

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