रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब धीरे-धीरे यूरोप के दूसरे हिस्सों में भी असर दिखाने लगी है. हाल ही में एक बड़ी घटना में पोलैंड ने दावा किया है कि रूसी ड्रोन उसके हवाई क्षेत्र में दाखिल हो गए थे, जिसे देखते हुए उसने फौरन जवाबी कदम उठाए हैं.
बताया जा रहा है कि ये ड्रोन यूक्रेन से उड़ान भरते हुए पोलैंड की सीमा के पास आ गए थे. यूक्रेन की वायु सेना ने भी पुष्टि की है कि ये ड्रोन पश्चिम की ओर बढ़ रहे थे और पोलैंड के ज़ामोश्च इलाके में खतरा बन सकते थे. कुछ स्थानीय रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि ये ड्रोन रेजजोव शहर की दिशा में भी बढ़ रहे थे. हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कितने ड्रोन वाकई में पोलिश सीमा के भीतर दाखिल हुए.
पोलैंड का जवाब एयरस्पेस में तैनात हुए लड़ाकू विमान
जैसे ही रूसी ड्रोन के सीमा में घुसने की जानकारी सामने आई, पोलैंड ने तुरंत अपनी वायु सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया. देश की सशस्त्र सेनाओं ने न सिर्फ अपने फाइटर जेट्स उड़ाए, बल्कि नाटो सहयोगियों के साथ भी मिलकर कार्रवाई शुरू कर दी. ऑपरेशनल कमांड ने बयान जारी कर बताया कि पोलैंड और उसके सहयोगियों के एयरक्राफ्ट इस समय एयरस्पेस में तैनात हैं और सभी वायु सुरक्षा और रडार सिस्टम हाई अलर्ट पर हैं. स्थिति को गंभीर मानते हुए कुछ बड़े हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पोलैंड ने इन ड्रोन को मार गिराने का दावा भी किया है. यह पहली बार है जब किसी नाटो देश ने सीधे रूसी एसेट को निशाना बनाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव और बढ़ सकता है.
अमेरिका का समर्थन और क्षेत्रीय सुरक्षा सख्त
इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी और नाटो के तहत अपने आधुनिकतम F-35 फाइटर जेट पोलैंड की वायु सीमा में तैनात कर दिए हैं. इससे साफ है कि नाटो अब रूस की हर गतिविधि को लेकर ज्यादा सतर्क हो चुका है. पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि बेलारूस के साथ सभी बॉर्डर क्रॉसिंग – जिसमें रेलमार्ग भी शामिल हैं – अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे. इसका कारण है रूस और बेलारूस की संयुक्त सैन्य तैयारी ‘Zapad-2025’, जिसे पोलैंड बेहद आक्रामक मान रहा है.
पड़ोसी देश भी सतर्क
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पोलैंड के साथ-साथ उसके नाटो सहयोगी लिथुआनिया और लातविया ने भी अपनी सीमाओं की निगरानी बढ़ा दी है. सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है और वायु रक्षा प्रणाली को अलर्ट पर रखा गया है.
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