Poland Russia Tension: पूर्वी यूरोप एक बार फिर भू-राजनीतिक हलचल के केंद्र में आ गया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड की सेना ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दावा किया है कि उसने अपने हवाई क्षेत्र में दाखिल रूसी ड्रोन्स को मार गिराया है. यह पहली बार है जब पोलैंड ने युद्ध की शुरुआत (2022) के बाद सीधे तौर पर अपने हवाई क्षेत्र में रूसी गतिविधियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की है.
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब रूस की ओर से यूक्रेन पर एक बार फिर भारी हवाई हमला किया गया और इन हमलों के दौरान कुछ ड्रोन पोलिश सीमा में घुस आए, जिससे पोलिश सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह अलर्ट हो गई.
‘ड्रोन्स को किया गया तबाह’
पोलैंड की सेना ने सोशल मीडिया पर एक आधिकारिक पोस्ट में लिखा, “जब रूस यूक्रेन पर हमला कर रहा था, तब बार-बार हमारे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया गया. हमने इन वस्तुओं की पहचान की और उन्हें नष्ट कर दिया.”
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि पोलिश सेना ने अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं. वायुसेना और सहयोगी (नाटो) देशों के विमान गश्त पर हैं, साथ ही रडार सिस्टम और ग्राउंड एयर डिफेंस यूनिट्स पूरी तरह से सतर्क हैं.
एहतियाती कदम, हवाई अड्डे बंद
इस घटना के बाद पोलैंड ने तत्काल प्रभाव से चार प्रमुख हवाई अड्डों को बंद कर दिया, जिनमें राजधानी वारसॉ का चोपिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट और रणनीतिक रूप से अहम रजेजो-जसियोंका एयरपोर्ट भी शामिल हैं.
रजेजो-जसियोंका एयरपोर्ट को यूक्रेन के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट हब माना जाता है, जहां से सैन्य उपकरण, मानवीय सहायता और विशेष मिशन भेजे जाते हैं. इस एयरपोर्ट का बंद होना न सिर्फ पोलैंड, बल्कि यूक्रेन के लिए भी एक लॉजिस्टिक झटका है.
नाटो की चिंता, सीमाएं असुरक्षित?
यूक्रेन की वायुसेना ने प्रारंभिक जानकारी में दावा किया था कि रूसी ड्रोन पोलैंड की सीमा में दाखिल हुए, लेकिन बाद में यह बयान टेलीग्राम चैनल से हटा लिया गया. इससे अटकलें और भी तेज हो गई हैं कि क्या यह केवल एक “फ्लाई-बाय” था या जानबूझकर किया गया परीक्षण? इस बीच, नाटो के कई सदस्य देश जैसे लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया भी रूस और बेलारूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर असहज हैं.
पोलैंड, एक रणनीतिक कड़ी
पोलैंड केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, राजनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण से भी एक अहम कड़ी है. यह यूरोपीय संघ (EU) और नाटो (NATO) का सदस्य है. इसकी सीमाएं यूक्रेन, बेलारूस और रूस से जुड़ती हैं. यह यूक्रेन के सबसे बड़े सैन्य और मानवीय सहयोगियों में शामिल है. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश पोलैंड के जरिये यूक्रेन को हथियार और समर्थन पहुंचाते हैं. रूस और बेलारूस की गतिविधियां लगातार यह संकेत देती हैं कि पूर्वी यूरोप में शक्ति संतुलन को फिर से परिभाषित करने की कोशिशें चल रही हैं.
क्या आने वाले दिनों में बढ़ेगा संघर्ष?
पोलैंड की ओर से रूसी ड्रोन्स को मार गिराना केवल रक्षा नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश भी माना जा रहा है कि उसके हवाई क्षेत्र में किसी भी प्रकार की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लेकिन यह घटना पूर्वी यूरोप में सैन्य तनाव को एक नए स्तर पर ले जा सकती है.
यह भी पढ़ें- एक रैपर तो दूसरा पत्रकार... जानें कौन है नेपाल के अगले दो सबसे पंसदीदा प्रधानमंत्री के दावेदार